पूरे विपक्ष ने रफ़ाल पर सीएजी रिपोर्ट का जम कर विरोध किया। यह विरोध संसद भवन परिसर के अंदर हुआ और राज्यसभा में भी। रिपोर्ट पेश किए जाने के पहले ही कांग्रेस के सांसदों ने जम कर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वालों में सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी समेत कांग्रेस के तमाम बड़े नेता शामिल थे। इसमें तेलुगु देशम पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने भी शिरकत की। उन्होंने ज़ोरदार नारेबाजी की।
जिस समय रिपोर्ट को राज्यसभा में सरकार ने आधिकारिक रूप से पेश कर दिया, उस समय भी विपक्षी सदस्यों ने शोरगुल किया, हंगामा किया, नारेबाजी की और ज़बरदस्त विरोध किया। राज्यसभा उपाध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्षी दलों, ख़ास कर कांग्रेस पर पलटवार करते हुए उसके विरोध के तमाम मुद्दों को खारिज कर दिया। उन्होंने विपक्षी दलों के गठबंधन को रफ़ाल मुद्दे पर 'महाझूठबंधन' क़रार दिया। उन्होंने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट से यह साबित होता है कि सत्य की हमेशा जीत होती है। इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर विपक्ष पर जवाबी हमला किया।
विपक्ष ने जिस तरह एकजुट होकर सीएजी रिपोर्ट का विरोध किया है, उससे यह साफ़ है कि यह मुद्दा आगे भी चलेगा और इसे ठंडे बस्ते में डालने की सरकार की योजना कारगर नहीं हो पाएगी। सरकार ने मौजूदा सत्र के अंतिम दिन राज्यसभा में इसे पेश किया और जल्द ही चुनाव की घोषणा हो जाएगी। इससे सदन के फिर बैठन की गुंजाइश कम है। ज़ाहिर है, सीएजी रिपोर्ट पर बहस नहीं हो पाएगी।
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