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मायावती के बिना ही विपक्ष महागठबंधन बनाने में जुटा

पाँच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही विपक्षी दलों ने बीजेपी के ख़िलाफ़ महागठबंधन बनाने की क़वायद तेज़ कर दी है। इसके लिए दिल्ली में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एक अहम बैठक बुलाई है। बैठक में संसद के शीतकलीन सत्र के दौरान संसद में मोदी सरकार की घेराबंदी करने के साथ ही अगले लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को पटकनी देने की रणनीति पर विचार-विमर्श होगा। तमाम विपक्षी दलों के नेताओं के इस बैठक में शामिल होने की संभावना है। 

कुशवाहा भी आएंगे

सबसे ख़ास बात यह है कि विपक्षी दलों की इस बैठक में मोदी सरकार में मंत्री और बिहार में बीजेपी के सहयोगी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के भी शामिल हो रहे हैं। वे इस बैठक में विपक्षी दलों के साथ शिरकत करके मोदी सरकार पर बोला हमला बोलेंगे।

Opposition rally to form anti-BJP coalition - Satya Hindi
विपक्षी दल एक मंच पर। (फ़ाइल फ़ोटो)
पाँच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के एग्ज़िट पोल बीजेपी के लिए अच्छी ख़बर लेकर नहीं आए हैं। इससे बीजेपी में बेचैनी है। वहीं कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने की संभावना जताई गई है।

बीजेपी में बेचैनी

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को लगता है कि बीजेपी को घेरने का यह सबसे अच्छा मौका है। लिहाज़ा सभी दल बीजेपी के ख़िलाफ़ नए सिरे से  महागठबंधन की क़वायद में जुट गए हैं।पार्लियामेंट एनेक्स में में होने वाली इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी,  टीएमसी नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आरजेडी अध्यक्ष तेजस्वी यादव, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी या फिर उनके पिता पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा के शामिल होने की संभावना है।

मानेंगी माया?

2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र महागठबंधन में अहम भूमिका निभाने वाली मायावती को भी विपक्षी पार्टियों की इस बैठक में शामिल करने की कोशिशें चल रही हैं। कांग्रेस सूत्रों ने  बताया कि मायावती के प्रतिनिधि सतीश चंद्र मिश्रा को मनाने की काफी कोशिशें की गईं, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। उनका कहना है कि इसके पीछे राजस्थान और मध्य प्रदेश में बसपा के साथ गठबंधन न होना हो सकता है।

विपक्षी पार्टियों के बीच बातचीत में शामिल रहने वाले एक वरिष्ठ नेता ने बताया था, ' चंद्रबाबू नायडू ने पिछले महीने ही यह बैठक बुलाई थी। हमने उनसे आग्रह किया था कि इसे थोड़ा बाद में रखा जाए, क्योंकि ज़्यादातर लोग चुनाव प्रचार में व्यस्त रहेंगे।' संसद सत्र के शुरू होने से एक दिन पहले होने वाली इस बैठक को विपक्षी एकता के हिसाब से काफी अहम माना जा रहा है।
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क़मर वहीद नक़वी

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