देश में वर्तमान में 3 लाख से ज़्यादा लोगों को क्वरेंटीन में रखा गया है। इस आंकड़े को ध्यान में रखकर ही केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का फ़ैसला किया है। सरकार क्वरेंटीन किये गये इन लोगों की निगरानी कर रही है और इस पर नज़र रख रही है कि इनमें से कितने लोग कोरोना पॉजिटिव पाये जाते हैं। उस हिसाब से सरकार अपनी तैयारी को धार देगी। क्वरेंटीन किये गये लोगों की संख्या अब तक कुल 3,23,000 है।
एनडीटीवी ने वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से कहा है कि 3 मई तक लॉकडाउन को बढ़ाये जाने के पीछे केंद्र सरकार की रणनीति है कि इस समय अवधि में देश में रेड ज़ोन या कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित इलाक़ों पर पैनी नज़र रखी जा सके।
इतनी बड़ी संख्या में क्वरेंटीन किये गये लोगों को देखते हुए ही केंद्र सरकार ने यह योजना बना ली है कि उसे कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ युद्धस्तर पर तैयारी करने की ज़रूरत है। एनडीटीवी के मुताबिक़, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लॉकडाउन पार्ट 2 के दौरान सरकार को कंटेनमेंट ज़ोन की पहचान करने में भी मदद मिलेगी।
महाराष्ट्र में सबसे ज़्यादा लोग क्वरेंटीन में रखे गये हैं। यहां 66 हज़ार से अधिक और उत्तराखंड में 56,166 लोगों को क्वरेंटीन किया गया है। इसके बाद राजस्थान में 35,843, उत्तर प्रदेश में 31,158 लोगों को क्वरेंटीन किया गया है। हरियाणा में 16,224 लोगों को क्वरेंटीन किया गया है।
सरकार अगले हफ़्ते तक कोरोना वायरस से संक्रमण के जितने भी मामले सामने आएंगे, उस हिसाब से हॉट स्पॉट की पहचान करेगी। ख़बरों के मुताबिक़, 718 में से 370 जिले कोरोना वायरस से प्रभावित हैं और इन जिलों से आने वाले आंकड़ों पर सरकार पैनी नज़र रख रही है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा है कि केंद्र सरकार 20 अप्रैल तक हर राज्य, हर कस्बे, हर जिले का आकलन करेगी कि इन जगहों पर लॉकडाउन के दौरान कोरोना वायरस से लड़ने की तैयारी कैसी है। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे इलाक़ों जिनके हॉट स्पॉट बनने का ख़तरा है, उन पर पैनी नज़र रखनी होगी।
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