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कोरोना: बेहद ख़राब स्थितियों में काम रहे डॉक्टर्स, 50 से ज़्यादा पॉजिटिव

अस्पतालों में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) किट और दूसरी ज़रूरी चीजों की कमी होने के कारण डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ़ में शामिल अन्य लोग बेहद ख़राब स्थितियों में काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ़ से जुड़े 50 से ज़्यादा लोग अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये हैं। लेकिन इनमें से सारे लोग इस वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज करते हुए इसकी चपेट में नहीं आये हैं। कुछ मामलों में वे ऐसे लोगों के संपर्क में आकर संक्रमित हुए हैं, जो लोग विदेश से आये थे। अधिकारियों का कहना है कि इन लोगों के संक्रमित होने के कारणों का पता लगाया जा रहा है। 

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इटली में अस्पतालों में काम कर रहे लोग इस वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज करते वक्त इस जानलेवा वायरस से संक्रमित हो गये थे और ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज़्यादा थी। भारत में भी यह ख़तरा बना हुआ है। 

भारत में कई जगहों से डॉक्टर सोशल मीडिया पर इस बात की शिकायत कर चुके हैं कि उनके पास पीपीई किट, सर्जिकल दस्ताने, एन-95 मास्क, सैनिटाइजर तक नहीं हैं और वे लोग अपनी जान को जोख़िम में डालकर काम कर रहे हैं। 

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भारतीय सेना के एक डॉक्टर और सीआरपीएफ़ के एक डॉक्टर का भी कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है। इसके अलावा दिल्ली एम्स के एक डॉक्टर भी इस वायरस से संक्रमित हो गये हैं। दिल्ली सरकार द्वारा चलाये जाने वाले मुहल्ला क्लीनिक के दो डॉक्टर सहित दिल्ली कैंसर इंस्टीट्यूट के डॉक्टर और नर्स भी कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं। ऐसे में इस संक्रमण के बड़े स्तर पर फैलने का ख़तरा है। केंद्र व राज्य सरकारों को कोरोना के ख़िलाफ़ जंग लड़ रहे पहली पंक्ति के योद्धाओं को इस वायरस से बचाने के लिये उन्हें तुरंत ज़रूरी सामान उपलब्ध कराने चाहिए, वरना हालात और ख़राब हो सकते हैं। 
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क़मर वहीद नक़वी

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