पाकिस्तान ने एक और कदम उठाया है, जिससे भारत के साथ रिश्ते और बदतर होंगे। इसलामाबाद ने दोनों देशों को जोड़ने वाली समझौता एक्सप्रेस ट्रेन रोक दी है। यह ट्रेन दिल्ली से लाहौर जाती थी और हफ़्ते में दो बार चलती थी।
पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रशीद अहमद ने समझौता एक्सप्रेस चलने पर रोक लगाने का एलान करते हुए कहा कि जब तक वह रेल मंत्री हैं, यह ट्रेन नहीं चलेगी।
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शिमला समझौता
शिमला समझौता के तहत 22 जुलाई 1976 को समझौता एक्सप्रेस शुरू की गई थी। उस समय यह अमृतसर से लाहौर जाती थी। संसद पर हुए आतकंवादी हमले के बाद 1 जनवरी 2002 को समझौता एक्सप्रेस रोक दी गई थी। इसे दो साल बाद 15 जनवरी 2004 को फिर शुरू किया गया। पाकिस्तान की तत्कालीन प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो की हत्या के बाद 27 दिसंबर 2007 को यह ट्रेन एक बार फिर रोकी गई। भारत-पाकिस्तान तनाव के मद्देनज़र 28 फरवरी 2019 को इस ट्रेन का परिचालन एक बार फिर रोका गया था।19 फरवरी 2007 को भारत में दीवाना स्टेशन के पास समझौता एक्सप्रेस पर आतंकवादी हमला हुआ था। इसमें 70 लोग मारे गए थे, जिनमें ज़्यादातर पाकिस्तानी थे। इस धमाके का मुख्य अभियुक्त स्वामी असीमानन्द था, जिसे बाद में निर्दोष पाया गया।
एक दूसरी बड़ी घटना में पाकिस्तान ने भारतीय फ़िल्मों को पाकिस्तान में दिखाने पर रोक लगा दी है।
इसके पहले बुधवार को पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापार पर फ़िलहाल रोक लगाने का भी एलान किया था। दोनों देशों के बीच तकरीबन 2 अरब डॉलर का व्यापार है। इस साल अब तक यानी सात महीने में दोतरफा व्यापार में 5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। भारत ने पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद ही पाकिस्तान को मिलने वाले 'मोस्ट फ़ेवर्ड नेशन' यानी एमएफ़एन का दर्जा खत्म कर दिया था। इसके तहत विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देशों को बराबर का व्यापारिक मौका देना होता है।
भारत ने पाकिस्तान को यह दर्जा 1995 में ही दे दिया था, हालाँकि इसलामाबाद ने भारत को यह दर्जा कभी नहीं दिया। नवाज़ शरीफ़ की सरकार ने इसकी कोशिश की थी तो वहाँ ज़बरदस्त विरोध हुआ था। पुलावामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से होने वाले आयात पर 200 प्रतिशत का आयात शुल्क लगा दिया था। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ़ के कारवाँ पर हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान मारे गए थे। भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी गुट जैश-ए-मुहम्मद को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया था।
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