संसद का शीतकालीन सत्र कैसा होगा और इस दौरान सत्तारूढ़ दल व विपक्ष के बीच किस तरह का रिश्ता होगा, इसकी मिसाल सत्र के पहले ही दिन मिल गई।
राज्यसभा में विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पहले ही दिन निलंबित कर दिया गया है। इन्हें पिछले यानी मानसून सत्र के दौरान सदन में किए गए व्यवहार के लिए निलंबित किया गया है।
इन सांसदों को निलंबित करने का प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पेश किया, जिसे स्पीकर ने ध्वनि मत से पारित घोषित कर दिया।
शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन निलंबित राज्यसभा सदस्य हैं-
- कांग्रेस की फूलो दीवी नेताम, छाया बोरा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नसीर हुसैन, अखिलेश प्रसाद।
- तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन व शांता छेत्री।
- शिवसेना के अनिल देसाई और प्रियंका चतुर्वेदी।
- सीपीआई के बिनय विश्वम और सीपीआईएम के एलमारम करीम।
क्या है मामला?
याद दिला दें कि संसद के मानसून सत्र में राज्यसभा में हंगामे के दौरान सभापति एम. वेंकैया नायडू ने धक्का-मुक्की करने और सदन की मर्यादा का कथित तौर पर उल्लंघन करने के आरोपों के बाद इस मामले की जाँच के लिए एक समिति गठित की थी।
इस समिति की सिफारिशों के आधार पर इन सांसदों के ख़िलाफ़ सोमवार कार्रवाई की गई।
संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार को शुरू हुआ जो 23 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान विपक्ष के ये 12 सदस्य निलंबित रहेंगे।
संजय सिंह, प्रताप सिंह बाजवा वगैरह को निलंबित नहीं किया गया, क्योंकि उनका मामला 10 अगस्त का था।
लेकिन, जिन्हें निलंबित किया गया उनका मामला 11 अगस्त का है जो मानसून सत्र का अंतिम दिन था। उनके खिलाफ आज कार्रवाई की गई है।
दूसरी ओर, विपक्ष का कहना है कि 12 सांसदों का निलंबन नियमों के ख़िलाफ़ है। नियम 256 के अनुसार सदस्य को सत्र के बाकी बचे समय के लिए निलंबित किया जाता है।
निलंबित सदस्यों का कहना है कि मॉनसून सत्र 11 अगस्त को ही समाप्त हो चुका है ऐसे में इस सत्र में सदस्यों का निलंबन गलत है।
अदालत जाएंगी प्रियंका चतुर्वेदी?
विपक्ष के सदस्यों के निलंबन पर प्रतिक्रिया जताते हुए राष्ट्रीय जनता दल के नेता और सांसद मनोज झा ने कहा कि अगर निलंबन वापस नहीं हुआ तो समूचा विपक्ष पूरे शीतकालीन सत्र का बहिष्कार करेगा।
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, 'मैं चेयरमैन से मिलूंगी। अगर बात नहीं सुनी गई तो अदालत में चुनौती दूंगी।
दूसरी ओर, बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने 'एनडीटीवी' से बातचीत करते हुए कहा कि विपक्ष के 12 सांसदों को निलंबित किया गया है क्योंकि उन्होंने मॉनसून सत्र के दौरान सदन में अराजकता फैलाई थी और सदन की मर्यादा का उल्लंघन किया था।
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