कोरोना संक्रमण के तेज़ी से बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को कहा है कि एक बार फिर से चुनौतीपूर्ण हालात बन रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्रियों से बातीचत करते हुए कहा कि हमारा फ़ोकस माइक्रो कंटेनमेंट ज़ोन पर होना चाहिए और हमें नाइट कर्फ्यू को सफल बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यों को टेस्टिंग पर जोर देना चाहिए।
मोदी ने कहा, “पहले की अपेक्षा हमारे पास अनुभव है, संसाधन है और वैक्सीन भी हैं। हमारे डॉक्टर्स और बाक़ी लोगों ने हालात को संभाला है। पिछले साल हमारे पास टेस्टिंग लैब नहीं थी, मास्क का पता नहीं था, पीपीई किट नहीं थी और उस वक़्त बचने का एकमात्र साधन बचा था, वो था लॉकडाउन।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “कुछ राज्यों में स्थिति ज़्यादा चिंताजनक है। साल भर की इस लड़ाई के बाद सरकारी मशीनरी में थकान आ सकती है लेकिन हमें 2-3 हफ़्ते और मजबूती से काम करना होगा। इस बार ग्रोथ रेट ज़्यादा है और यह गंभीर चिंतन का विषय है। इस बार लोग पहले की अपेक्षा लापरवाह हो गए हैं और अधिकतर राज्यों में प्रशासन भी सुस्त नज़र आ रहा है।”
मोदी ने कहा, “जिन जगहों पर नाइट कर्फ्यू लगा है, वहां कोरोना कर्फ्यू शब्द का इस्तेमाल करें। दुनिया भर में नाइट कर्फ्यू का इस्तेमाल किया गया है।”
उन्होंने कहा कि हम एक दिन में 40 लाख लोगों के टीकाकरण के आंकड़े को भी पार कर चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक ही राज्य को वैक्सीन का पूरा स्टॉक नहीं दिया जा सकता और हम सभी को वैक्सीन की बर्बादी को रोकना होगा।
प्रधानमंत्री ने 17 मार्च को भी मुख्यमंत्रियों से बातचीत की थी और इसमें कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर त्वरित और निर्णायक क़दम उठाने के लिए कहा था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मंगलवार को 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी।
इन राज्यों में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब और राजस्थान शामिल थे। इन सभी राज्यों में बीते दिनों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं।
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