loader
पोलैंड के यूरोपीय सांसद रिसज़र्ड ज़ारनेची

कश्मीर: पोलैंड के यूरोपीय सांसद इसलामोफ़ोबिक बयान के लिए बदनाम

कश्मीर दौरे पर आए यूरोपीय संसद के सदस्यों के दल में पोलैंड का दल में फ़्रांस के दल जैसा ही है। पोलैंड से आए सभी 6 सांसद एक ही पार्टी जस्टिस एंड लॉ पार्टी से हैं। यह पार्टी राष्ट्रवादी और दक्षिणपंथी विचारधारा वाली है। वह इसलाम और मुसलमानों के इमिग्रेशन का मुद्दा उठाती रही है। कई बार इसके नेता नात्सी समर्थक बयान देकर सुर्खियों में रहे हैं।

पोलैंड के जो यूरोपीय सांसद जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आए हैं उनमें कोस्मा ज्लोतोवस्की, बोग्दाँ रज़ोचाँ, एलज़बीटा राफल्स्का, जोआना कॉपसिंचस्का, ग्रेज़गोरज़ टोबिज़ज़ोस्की और रिसज़र्ड ज़ारनेची शामिल हैं। ये सभी विवादित बयानों के कारण पोलैंड में चर्चा में रहे हैं। बता दें कि इनकी पार्टी जस्टिस एंड लॉ पार्टी की विचारधारा की भी आलोचना होती रही है। पार्टी ने 2015 के पोलैंड के संसदीय चुनाव की अगुवाई वाले अभियान में राष्ट्रीय सुरक्षा को इमिग्रेशन यानी आव्रजन के साथ जोड़ते हुए लोकलुभावन प्रचार को अपनाया। चुनाव के बाद इसने अपने समर्थकों के बीच अक्सर इसलामोफ़ोबिक बयानबाज़ी की।

सम्बंधित ख़बरें

यूरोपीय आप्रवासी संकट पर चर्चा करते समय जस्टिस एंड लॉ पार्टी के नेताओं ने इमिग्रेशन विरोधी और इसलाम विरोधी टिप्पणियाँ कीं। 2015 में जारोस्लाव काज़ीस्की ने कहा था कि पोलैंड किसी भी शरणार्थी को स्वीकार नहीं कर सकता क्योंकि वे संक्रामक रोग फैला सकते हैं। 2017 में पहले डिप्टी मिनिस्टर ऑफ़ जस्टिस पैट्रीक ज़ाकी ने कहा था कि इसलामीकरण को रोकना उनका कभी न ख़त्म होने वाला प्रयास है। 2017 में पोलैंड के आंतरिक मंत्री मारियस ब्लेसज़कैक ने कहा था कि वह ‘चार्ल्स हैमर की तरह बनना चाहते हैं जिन्होंने 8वीं शताब्दी में यूरोप के मुसलिम आक्रमण को रोक दिया था। 2017 में एक रैली के दौरान सेजम के उपाध्यक्ष जोकिम ब्रुडज़ी ने कहा था, ‘यदि हम (जस्टिस एंड लॉ पार्टी) नहीं होते तो वे (मुसलिम) यहाँ (पोलैंड) में मसजिदें बना देते।’

ताज़ा ख़बरें

इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल पोलैंड के रिसज़र्ड ज़ारनेची को नात्सी समर्थक बयान के लिए फ़रवरी 2018 में यूरोपीय संसद के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। वह राष्ट्रवादी दल लॉ एंड जस्टिस पार्टी के सदस्य हैं, उन्होंने पोलैंड की राजनीति में अपने विरोधी उदारवादी सिविक पार्टी की रोज़ा तन को अपमानजनक बातें कही थीं।

कोस्मा ज्लोतोवस्की पोलैंड के हैं। उन्होंने नवंबर 2018 में ट्विटर पर #WhyNotSvastika हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए लिथुआनिया के सोशल मीडिया के उस प्रचार अभियान पर प्रतिक्रिया दी थी जिसमें सोवियत रूस की थीम वाली चीजों का बॉयकॉट किया गया था। उन्होंने अमेज़ॉन से रूस के सामान को बेचने को बंद करने को कहा था।

देश से और ख़बरें

पोलैंड की एमईपी बोग्दाँ रज़ोचाँ ने 2017 में ट्वीट कर सवाल उठाया था कि होलोकास्ट के बावजूद गर्भपात समर्थकों में इतनी बड़ी तादाद यहूदियों की ही क्यों है? पोलैंड में यहूदियों की बड़ी आबादी है और उन्हें ऐसा लगा था कि यह उन पर हमला है। होलोकास्ट यहूदियों के उस महाविनाश को कहते हैं, जिसके तहत हिटलर के जमाने में तकरीबन 50 लाख यहूदियों को मार दिया गया था।

जोआना कॉपसिंचस्का भी पोलैंड से चुनी गई एमईपी हैं। उन्होंने जनवरी 2018 में पोलैंड की संसद में रखे गए उस प्रस्ताव का समर्थन किया था, जिसमें कहा गया था कि यह कहना ग़ैरक़ानूनी होगा कि नात्सियों के द्वारा किए गए किसी भी अपराध के लिए पोलैंड ज़िम्मेदार है। इसका इज़रायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने भी विरोध किया था।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें