पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने
लद्दाख की घटना पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि इससे 'देश की आत्मा को चोट पहुँची है' और यह 'सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में इस तरह की घटना न हो।'
उन्होंने कहा कि यह देश के रणनीतिक हितों के लिए चिंता की बात तो है ही, इसके दूरगामी अंतरराष्ट्रीय भौगोलिक-राजनीतिक नतीजे होंगे।
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि
“
'सरकार को चाहिए कि वह इससे जुड़े सभी लोगों को विश्वास में लेकर काम करे और यह सुनिश्चित करे कि राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा जाए।'
प्रणव मुखर्जी, पूर्व राष्ट्रपति
पूर्व राष्ट्रपति के रूप में प्रणव मुखर्जी सेना के सर्वोच्च कमांडर रह चुके हैं। उन्होंने लद्दाख में चीनी सैनिकों के हमले में मारे गए 20 जवानों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं जताईं।
'बड़ी ज़िम्मेदारी सरकार की'
'उन्होंने कहा कि देश के पूरे राजनीतिक वर्ग को मौजूदा समस्या का समाधान निकालना चाहिए, पर बड़ी ज़िम्मेदारी सरकार पर है।'
बता दें कि सोमवार को लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हुई झड़प में चीनी सैनिकों ने निहत्थे भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया। पत्थर, लाठी, कंटीली तार और लोहे के डंडों से हुई इस लड़ाई में 20 भारतीय सैनिक मारे गए। कुछ चीनी सैनिकों के मारे जाने की भी ख़बर है।
राष्ट्रपति ने जताया शोक
मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने ट्वीट कर इस पूरी घटना पर शोक जताया। उन्होंने कहा, 'सेना के सर्वोच्च कमांडर के रूप में मैं देश की संप्रुभता और अखंडता की रक्षा करने के लिए बहादुरी दिखाते हुए इन सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान का नमन करता हूँ।' इसके पहले बुधवार को
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से फ़ोन पर बात कर उन्हें साफ़ शब्दों में कहा कि चीनी सेना ने पहले से बनी योजना के तहत भारतीय सैनिकों पर हमला किया था।
लद्दाख में
शहीद हुए भारतीय जवानों को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने
नरेंद्र मोदी सरकार से पूछा है कि निहत्थे जवानों को वहां शहीद होने क्यों भेजा गया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी पूछा है कि 'चीन ने हमारे निहत्थे जवानों को मारने की जुर्रत कैसे की?'
इससे पहले भी भारत-चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर राहुल गांधी ने ट्वीट कर राजनाथ सिंह से पूछा था कि क्या चीन ने लद्दाख में भारतीय इलाक़े पर कब्जा कर लिया है? राहुल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान पर भी तंज कसा था, जिसमें उन्होंने भारत की सीमाओं की रक्षा करने का दावा किया था।
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