loader

हमारी सीमाओं में कोई घुसपैठ नहीं हुई है: मोदी

गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सीमाओं में कोई घुसपैठ नहीं हुई है। उन्होंने कहा, ‘किसी ने भी हमारी सीमा में न तो प्रवेश किया है और न ही हमारी कोई पोस्ट किसी के कब्जे में है। लद्दाख में हमारे 20 जवान शहीद हुए हैं लेकिन भारत मां की ओर आंख उठाने वालों को उन्होंने सबक सिखाया है। उनका ये बलिदान हमेशा हर भारतीय के मन में अमिट रहेगा।’ 

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘उनकी वीरता, उनके कौशल पर देश अटूट विश्वास रखता है। इस सर्वदलीय बैठक के माध्यम से भी मैं शहीदों के परिवारों को विश्वास दिलाता हूं कि पूरा देश उनके साथ है, उन्हें नमन करता हूं।’ मोदी ने कहा कि चीन ने जो किया, उससे पूरा देश गुस्से में है। 

मोदी ने कहा, ‘हमारी सेना देश की रक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। चाहे डिप्लायमेंट हो, एक्शन हो, काउंटर एक्शन हो, जल-थल-नभ में, हमारी सेनाओं को देश की रक्षा के लिए जो करना है, वो कर रही है।’

'कोई आंख उठाकर नहीं देख सकता'

उन्होंने कहा, आज हमारे पास ये क्षमता है कि कोई भी हमारी एक इंच जमीन की तरफ आँख उठाकर भी नहीं देख सकता। आज भारत की सेनाएं, अलग-अलग सेक्टर में एक साथ मूव करने में पूरी तरह सक्षम हैं। ऐसे में हमने जहां एक तरफ सेना को अपने स्तर पर उचित क़दम उठाने की छूट दी है, वहीं दूसरी तरफ़ डिप्लोमैटिक माध्यमों से भी चीन को अपनी बात दो टूक स्पष्ट कर दी है।’

‘इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को प्राथमिकता’ 

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बीते वर्षों में देश ने अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए बॉर्डर एरिया में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को प्राथमिकता दी है। हमारी सेनाओं की दूसरी आवश्यकताओं, जैसे फ़ाइटर प्लेन्स, आधुनिक हेलीकॉप्टर, मिसाइल डिफेंस सिस्टम आदि पर भी हमने बल दिया है।’

एलएसी में पेट्रोलिंग क्षमता बढ़ी

मोदी ने कहा, ‘नए बने हुए इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से खासकर एलएसी में अब हमारी पेट्रोलिंग की क्षमता भी बढ़ गई है और पेट्रोलिंग बढ़ने की वजह से अब सतर्कता बढ़ी है और एलएसी पर होने वाली गतिविधियों के बारे में भी समय पर पता चलता है।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जिन क्षेत्रों पर पहले हमारी बहुत नजर नहीं रहती थी, अब वहां भी हमारे जवान, अच्छी तरह से मॉनिटर कर पा रहे हैं, रिस्पांड कर पा रहे हैं। अब तक जिनको कोई पूछता नहीं था, कोई रोकता-टोकता नहीं था, अब हमारे जवान डगर-डगर पर उन्हें रोकते हैं, टोकते हैं।’ 

सर्वदलीय बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी मोदी सरकार पर खासी हमलावर रहीं। सोनिया ने केंद्र सरकार से पूछा, 'क्या सैन्य इंटेलिजेंस ने सरकार को एलएसी पर घुसपैठ के बारे में सचेत नहीं किया, चाहे वह चीनी क्षेत्र में हो या भारतीय क्षेत्र में?'

सोनिया ने कांग्रेस के समर्थन का आश्वासन देते हुए कहा, 'सवाल यह है कि आगे क्या है? आगे का रास्ता क्या है? पूरा देश एक आश्वासन चाहेगा कि यथास्थिति बहाल की जाएगी और चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मूल स्थिति में वापस आ जाएगा।'

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें