loader

प्रियंका ने दिया धरना, बोलीं - जामिया की घटना पर जवाब दें पीएम मोदी

नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे जामिया के छात्रों पर दिल्ली पुलिस के लाठीचार्ज के ख़िलाफ़ देश भर में आवाज़ उठ रही है। सोमवार को लखनऊ के नदवा कॉलेज में, मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज (TISS) के छात्रों सहित हैदराबाद और कई अन्य जगहों पर छात्रों ने आवाज़ बुलंद की है। इसके अलावा अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय में भी छात्रों ने पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया है। कई विपक्षी राजनीतिक दलों ने भी पुलिस के लाठीचार्ज की निंदा की है तो दिल्ली पुलिस ने भी प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर अपनी सफाई दी है। अब कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा ने सोमवार शाम को जामिया के छात्रों के समर्थन में इंडिया गेट पर धरना दिया। 
ताज़ा ख़बरें
प्रियंका गाँधी के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, एके एंटनी, रागिनी नायक, केसी वेणुगोपाल, सुष्मिता देव सहित कई नेता भी प्रियंका के साथ धरने पर बैठे। कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने भी जामिया के छात्रों पर हुए लाठीचार्ज का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि सरकार स्वयं हिंसा व बंटवारे की जननी बन गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने देश को नफरत की अंधी खाई में धकेल दिया है और युवाओं के भविष्य को आग की भट्टी में झुलसा दिया है। 
Priyanka Gandhi sit on protest near India Gate over police action on Jamia students - Satya Hindi
प्रियंका के साथ मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ता।
धरने से उठने के बाद प्रियंका गाँधी ने कहा कि जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय में जो कुछ हुआ उस पर प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि किसकी सरकार ने छात्रों को पीटा है। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री को देश की अर्थव्यवस्था पर बोलना चाहिए। उनकी पार्टी के विधायक ने एक लड़की के साथ बलात्कार किया, वह इस मामले में क्यों नहीं बोले?’ प्रियंका ने कहा, ‘सरकार ने संविधान को चोट पहुंचाई है। यह राष्ट्र की आत्मा पर हमला है, युवा राष्ट्र की आत्मा है। विरोध करना उनका अधिकार है।’ प्रियंका ने दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘मैं एक माँ भी हूँ। आप उनकी लाइब्रेरी में घुसे, उन्हें घसीटा और उनकी पिटाई की। यह अत्याचार है।’ 
देश से और ख़बरें
नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर पूर्वोत्तर से शुरू हुआ विरोध देश के कई राज्यों में फैल गया है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के प्रदर्शन के दौरान जमकर हिंसा हुई थी और कुछ बसों और बाइकों में आग लगा दी गई थी। इसके अलावा रविवार रात को अलीगढ़ मुसलिम यूनिवर्सिटी में भी बवाल हुआ और पुलिस को हालात को सामान्य करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें