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नागरिकता क़ानून: कई राज्यों में बवाल, 3 लोगों की मौत, कुछ जगह इंटरनेट बंद

नागरिकता संशोधन क़ानून का देश भर के कई राज्यों में जोरदार विरोध हो रहा है। कई जगहों पर यह विरोध हिंसक हो गया है और उपद्रवियों को संभालने में पुलिस के भी पसीने छूट रहे हैं। गुरुवार को नागपुर, पटना सहित बिहार के कई शहरों, दिल्ली, बेंगलुरू, चंडीगढ़, हैदराबाद, लखनऊ, पुणे, चेन्नई, अहमदाबाद, लखनऊ, संभल आदि शहरों में लोग इस क़ानून के विरोध में सड़कों पर उतरे। इस क़ानून को लेकर हुए बवाल में 3 लोगों की मौत हो गई है। इनमें से 2 लोगों की मौत कर्नाटक के मेंगलुरू में जबकि 1 शख़्स की मौत लखनऊ में हुई है। कई जगहों पर इंटरनेट भी बंद करना पड़ा है। आइए, जानते हैं कि इस क़ानून के विरोध में गुरूवार को अलग-अलग राज्यों में क्या हालात रहे। 

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कर्नाटक: पुलिस पर हमले की कोशिश

कर्नाटक में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में हो रहा प्रदर्शन तब उग्र हो गया जब प्रदर्शनकारियों ने मेंगलुरू में पुलिस को घेरने और पुलिस कर्मियों पर हमला करने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने गोली चलाई जिसमें जलील (49) और नौशीन (23) घायल हो गए और बाद में इनकी मौत हो गई। मेंगलुरू पुलिस ने कहा कि उन्हें उग्र भीड़ को रोकने के लिए फ़ायरिंग करनी पड़ी। अंग्रेजी न्यूज़ चैनल इंडिया टुडे के मुताबिक़, पुलिस आयुक्त ने कहा है कि इस बवाल में 20 पुलिसकर्मी घायल हो गए। उन्होंने कहा कि पुलिस के प्रतिबंध लगाये जाने के बाद भी बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। 

लखनऊ में हिंसक प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश में भी कई जगहों पर इस क़ानून के विरोध में प्रदर्शन हुआ है। लखनऊ में इस क़ानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। लखनऊ के डालीगंज इलाक़े में लोगों ने प्रदर्शन किया। ठाकुरगंज में भी पथराव हुआ और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए फायरिंग की। सतखंडा पुलिस चौकी में उपद्रवियों ने बवाल किया। लखनऊ में ही 20 मोटरसाइकिलों, 10 कारों, 3 बसों को आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा 4 मीडिया ओबी वैन में भी उपद्रवियों ने आग लगा दी।

Protests against Citizenship Amendment Act turned violent in many cities - Satya Hindi
इसके अलावा संभल में बस फूंक दी। मऊ और आज़मगढ़ में इस क़ानून के ख़िलाफ़ पहले ही बवाल हो चुका है। लखनऊ में हुए प्रदर्शन के दौरान एक शख़्स मुहम्मद वकील की भी मौत हो गई। पुलिस ने 20 लोगों को हिरासत में लिया है। शुक्रवार को प्रदेश के कई जिलों में इंटरनेट बंद रखा गया है। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सरकार हिंसा में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करेगी और जो भी लोग दोषी पाये जाएँगे, उनकी प्रॉपर्टी को जब्त कर इससे हिंसा में हुई क्षति की भरपाई की जाएगी।

दिल्ली में हुआ जोरदार विरोध 

नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ दिल्ली में भी गुरुवार को जोरदार प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन के चलते 18 मेट्रो स्टेशनों को कई घंटों के लिए बंद करना पड़ा। शाम 5 बजे इन स्टेशनों को खोला गया। सरकार के आदेश पर दिल्ली के कई इलाक़ों में कुछ देर के लिए इंटरनेट को भी बैन करना पड़ा। हालाँकि दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी और लाल क़िले के आस-पास धारा 144 को लागू कर दिया था लेकिन फिर भी प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में जुटे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव को और अन्य कई लोगों को हिरासत में ले लिया। 

मुंबई में भी प्रदर्शन

नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे। प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में इकट्ठे हुए। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के साथ, छात्र भी प्रदर्शन में शामिल हुए। बॉलीवुड जगत से फरहान अख़्तर, स्वरा भास्कर, हुमा क़ुरैशी सहित कई सिने हस्तियों ने इस क़ानून के ख़िलाफ़ मैदान में उतरे लोगों को समर्थन दिया। इसके अलावा नागपुर में भी लोग क़ानून के विरोध में सड़कों पर उतरे। 
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ममता ने की जनमत संग्रह की माँग

नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ लगातार आवाज़ उठा रहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर जनमत संग्रह कराने की माँग की। ममता ने गुरुवार को कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आज़ादी के इतने वर्षों के बाद हमें नागरिकता साबित करने की क्या ज़रूरत है? उन्होंने मांग की कि नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी पर जनमत संग्रह कराया जाए और इसे संयुक्त राष्ट्र मॉनिटर करे। उन्होंने केन्द्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि जनमत संग्रह के बाद देखते हैं कि कौन जीतता है। 

गुजरात: भीड़ ने पुलिसकर्मी को पीटा 

गुजरात में कई जगहों पर इस क़ानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शन में हिंसा हुई है। अहमदाबाद के शाह-ए-आलम इलाक़े में हो रहे प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने कुछ पुलिसकर्मियों को घेर लिया। जब पुलिसकर्मी बचने के लिए एक दुकान में गए तो उपद्रवियों ने उन पर जमकर पत्थर फेंके। इसमें 5 पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। 

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। इसके अलावा एक अन्य घटना में उपद्रवियों ने एक पुलिसकर्मी को पीट दिया। इसमें सहायक पुलिस आयुक्त आर.बी. राणा भी घायल हो गए। 
अहमदाबाद के पुलिस आयुक्त आशीष भाटिया ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है और पुलिस उपद्रवियों की पहचान कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने 32 लोगों को हिरासत में ले लिया है और इनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की जा रही है। इसके अलावा मिर्जापुर, सरदार बोग गार्डन, मोर्बी, बनासकांठा में भी इस क़ानून के विरोध में प्रदर्शन हुआ है।

असम में प्रदर्शन जारी

नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में सबसे पहले असम से ही आवाज़ उठी थी और अभी भी राज्य में प्रदर्शन जारी हैं। गुरुवार को भी कई सामाजिक संगठनों और विपक्षी दलों के नेताओं ने इस क़ानून के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई। इस दौरान कहीं से भी हिंसा होने की ख़बर नहीं है। असम सरकार ने कहा है कि गुवाहाटी हाई कोर्ट के आदेश के बाद मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को शुक्रवार से चालू कर दिया गया है। 
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क़मर वहीद नक़वी

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