पेगासस जासूसी मामले को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। शुक्रवार को संसद परिसर के बाहर पत्रकारों से बातचीत में राहुल ने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए और गृह मंत्री को इस्तीफ़ा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पेगासस एक हथियार है, इजरायल सरकार इसे हथियार बताती है और इसे आतंकवादियों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल करती है।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने इस हथियार को संस्थानों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ़ उन तक सीमित नहीं है बल्कि यह जनता की आवाज़ पर आक्रमण है।
वायनाड से सासंद राहुल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पर पेगासस का इस्तेमाल किया गया, राफ़ेल लड़ाकू विमान के सौदे के मामले में भी इसका इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा कि पेगासस के इस्तेमाल की अनुमति सिर्फ़ प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ही दे सकते हैं। राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री इस मामले में जांच का आदेश क्यों नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को जांच करनी चाहिए।
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नामी हस्तियां निशाने पर
ग़ैर-सरकारी संगठन फ़ोरबिडेन स्टोरीज़ ने सॉफ़्टवेयर बनाने वाली कंपनी एनएसओ के ग्राहकों का जो डेटा बैंक हासिल किया है, उसमें फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमैन्युएल मैक्रों, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान का भी नाम शामिल है।
इसके अलावा इराक़ी राष्ट्रपति बरहाम सालेह, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रमफोसा के फ़ोन नंबर भी उस सूची में पाए गए हैं। यानी संभावित जासूसी में उनके नाम भी हैं। लेबनान के प्रधानमंत्री साद हरीरी, युगांडा के रुहकना रुगुन्डा और बेल्जियम के प्रधानमंत्री चार्ल्स मिशेल भी निशाने पर थे।
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