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राहुल बोले- अब RSS को संघ परिवार नहीं कहूंगा, जानिए क्यों

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर अकसर हमलावर रहने वाले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरूवार को एक बार फिर तीख़े शब्दों में इस संगठन पर हमला बोला। राहुल ने ट्वीट कर कहा, “आरएसएस व इससे संबंधित संगठनों को संघ परिवार कहना सही नहीं है क्योंकि परिवार में महिलाएं होती हैं, बुजुर्गों के लिए सम्मान होता है, करुणा और स्नेह की भावना होती है- जो इस संगठन में नहीं है।”

राहुल ने कहा कि अब से वह आरएसएस को संघ परिवार नहीं कहेंगे। 

राहुल ने बीते दिन भी आरएसएस पर हमला बोला था। आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी पर आरोप लगा था कि उसके सदस्यों के कहने पर 19 मार्च को हरिद्वार से पुरी जा रही उत्कल एक्सप्रेस से केरल की ईसाई नन को उतार दिया गया था। एबीवीपी के सदस्यों का आरोप था कि ये महिलाएं ट्रेन में धर्म परिवर्तन करवा रही हैं।

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राहुल ने कहा था कि नन पर यह हमला संघ परिवार के ज़हरीले प्रोपेगेंडा के कारण है। उन्होंने कहा था कि एक समुदाय को दूसरे के ख़िलाफ़ खड़ा किया जा रहा है और अल्पसंख्यकों को कुचला जा रहा है। 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा था कि यह एक देश के रूप में हमारे लिए आत्मचिंतन का वक़्त है और ऐसी विभाजनकारी ताक़तों को हराने के लिए क़दम उठाए जाने की ज़रूरत है। 

विजयन ने भी की निंदा 

इस घटना पर वामपंथी नेता और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा था कि ऐसी घटनाएँ देश और उसकी धार्मिक सहिष्णुता की छवि पर दाग लगाती हैं। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार को ऐसी घटनाओं की कड़ी निंदा करनी चाहिए। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मांग की कि ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाए। इसके बाद शाह ने भी कहा कि दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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‘भारत लोकतांत्रिक देश नहीं रहा’ 

राहुल गांधी बीजेपी और आरएसएस पर लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थाओं को ख़त्म करने का आरोप लगाते रहे हैं। राहुल ने कुछ अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा भारत में लोकतंत्र के कमजोर होने की रिपोर्टों को लेकर हाल ही में टिप्पणी की थी कि भारत अब एक लोकतांत्रिक देश नहीं रहा। 

उन्होंने ब्राउन यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर आशुतोष वार्ष्णेय और छात्रों के साथ एक ऑनलाइन बातचीत में कहा था कि इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन और लिबिया के तानाशाह गद्दाफी भी चुनाव जीत जाते थे। राहुल का इशारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर था। 

राहुल गांधी इन दिनों पांच चुनावी राज्यों के प्रचार में जुटे हुए हैं। उन्होंने केरल, असम और तमिलनाडु के दौरे किए हैं और कांग्रेस और सहयोगी दलों के पक्ष में माहौल बनाने का काम किया है। 

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क़मर वहीद नक़वी

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