रेल मंत्री पीयूष गोयल ने महाराष्ट्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि 65 ट्रेनें राज्य से खाली लौटी हैं क्योंकि राज्य सरकार उनमें बैठने के लिए मज़दूर नहीं ला सकी।
गोयल ने मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए उद्धव ठाकरे सरकार पर झूठ बोलने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने 80 ट्रेन नहीं माँगी।
मंत्री ने कहा कि रेलवे ने महाराष्ट्र के लिए 145 ट्रेनों का इंतजाम किया और स्टेशनों की जानकारी भी दी। पीयूष गोयल ने कहा,
“
'बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आज 12.30 बजे तक मज़दूरों को कोई जानकारी नहीं थी। आज 5 बजे तक 74 ट्रेन महाराष्ट्र से रवाना होंगी, पर राज्य सरकार ने 24 ट्रेनों के लिए ही मजदूरों का इंतजाम किया है।'
रेल मंत्री ने ट्रेन खाली लौटने का दावा ऐसे समय किया है जब रेलवे पर ज़बरदस्त बदइंतजामी के आरोप लग रहे हैं। प्रवासी मज़दूरों से पैसे लेने, उनके खाने पीने का इंतजाम नहीं करने, ट्रेन में लोगों के भूखों मरने और ज़रूरी संख्या में ट्रेन नहीं चलाने के आरोप लग रहे हैं।
इसके अलावा कई
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के अपने रास्ते से भटकने की ख़बरें हैं। एक श्रमिक ट्रेन महाराष्ट्र के वसई से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के लिए चली थी और पहुँच गई ओडिशा के राउरकेला। ट्रेनों के रास्ते भटकने के सवाल किए गए तो रेलवे ने अजीबोगरीब जवाव दिए कि लाइनें व्यस्त होने के कारण उनका रूट बदला गया था। अब यदि दो दिन में पहुँचने वाली ट्रेन 9 दिन में अपने गंतव्य तक पहुँचे तो उसे क्या कहेंगे, रूट बदलना या रास्ते से भटकना? और इस बीच ट्रेनों में कई लोगों की मौत की ख़बरें आने लगे तो क्या कहा जाएगा!
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