loader

तीन तलाक़ बिल पर हंगामा, राज्यसभा स्थगित, बहस 2 जनवरी को

तीन तलाक़ विधेयक पर हंगामा, शोरशराबा और टोकाटोकी के बीच राज्यसभा की कार्यवाही 2 जनवरी तक के लिेए स्थगित कर दी गई। विधेयक सेलेक्ट कमिटी को भेजे जाने की माँग पर सरकार और विपक्ष के बीच नोकझोंक और तूतू-मैंमैं हुई। सदन की कार्यवाही कई बार रुकी, अंत में इसे 2 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया।  राज्यसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के पास बहुमत नहीं है और ऐसे में इस विधेयक को पारित कराना बेहद मुश्किल काम है। 

तृणमूल कांग्रेस ने तीन तलाक़ विधेयक राज्यसभा की सेलेक्ट कमिटी को भेजे जाने की माँग करते हुए एक प्रस्ताव रखा, जिसे खारिज कर दिया गया। विपक्षी दलों के नेता सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले मिले और राज्यसभा में इस पर रणनीति तय करने पर बातचीत की। दूसरी ओर, इसी मुद्दे पर प्रधानमंत्री ुनरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री अरुण जेटली और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बीच एक बैठक हुई और सरकार की रणनीति तय की गई। 

विपक्षी दलों को मु्ख्य रूप से विरोध विधेयक में तीन तलाक़ देने वाले आदमी को तीन साल की जेल की सज़ा के प्रावधान से है। उन दलों का कहना है कि पति के जेल चले जाने के बाद उसकी बीवी-बच्चों का भरण-पोषण कैसे होगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। 

तीन तलाक़ पर साल 2017 में पेश विधेयक के राज्यसभा में रोके जाने के बाद सरकार ने उसमें कुछ संशोधन किए। पर उसमें विपक्ष की माँगों को शामिल नहीं किया गया। संशोधन के बाद जो नया और मौजूदा विधेयक रखा गया, उसमें तलाक़ देने वाले पति को तीन साल के जेल का प्रावधान है। इसके अलावा उसे बीवी को मुआवजा भी देना होगा। राज्यसभा की कार्यवाही 2 जनवरी को शुरू होने पर सरकार की क्या रणनीति होगी, यह अभी साफ़ नहीं हुआ है। यह तो साफ़ है कि सरकार अपने बलबूते इसे पारित नहीं करवा सकती क्योंकि इसके लिए ज़रूरी संख्या में सांसद उसके पास नहीं है। दूसरी ओर, विपक्ष भी अड़ा हुआ है और उसे अपने संख्या बल पर भरोसा है। उस दिन क्या होगा, सबका ध्यान अब इस पर है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें