केंद्रीय जाँच ब्यूरो के निदेशक आलोक वर्मा को पद से हटाने के बाद केंद्र सरकार ने उनके विरोधी माने जाने वाले विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इसके अलावा बड़ा उलटफेर करते हुए कई दूसरे आला अफ़सरों का भी तबादला कर दिया गया है। समझा जाता है कि इस मोर्चे पर मुँह की खाने और फ़जीहत कराने के बाद केंद्र सरकार किसी तरह विवाद से बाहर निकलना चाहती है।
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राकेश अस्थाना को पद से हटाने का फ़ैसला अहम इसलिए भी है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष प्रिय थे और उन्हें बाहर से लाकर सीबीआई में बैठाया गया थे। वे कुछ समय तक इस जाँच एजेंसी के असली प्रमुख माने जाते थे और कहा जाता है कि तमाम बड़े और नीतिगत निर्णय लिया करते थे। बाद में वर्मा ने ख़ुद को जमाने की कोशिश की और अस्थाना से उनकी अनबन शुरू हुई। उसके बाद दोनों ने एक-दूसरे के ख़िलाफ़ शिकायतें कीं और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच गया। इस लड़ाई में पहले निदेशक हटाए गए और अब विशेष निदेशक को जाना पड़ रहा है।
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कार्मिक विभाग ने गुरुवार को एक आदेश में कहा कि सीबीआई में अस्थाना का कार्यकाल कम करने का फ़ैसला लिया गया है। समझा जाता है कि अस्थाना को नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो का प्रमुख बनाया जाएगा। संयुक्त निदेशक ए. के. शर्मा, डीआईजी एम. के. सिन्हा और एसपी जयंत नायकनावरे का भी सीबीआई से तबादला कर दिया गया है। अस्थाना 2016 के अप्रैल और शर्मा उसके एक महीने बाद सीबीआई लाए गए थे।
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