आर्थिक मंदी को फ़िल्मों की कमाई से जोड़ने को लेकर दिये गये बयान पर विवाद बढ़ने के बाद केंद्रीय क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को बैकफ़ुट पर आना पड़ा है। कांग्रेस ने इसे लेकर जोरदार पलटवार किया था और कहा था कि केंद्रीय मंत्री का बयान बेहद ही असंवेदनशील है।
क़ानून मंत्री ने प्रेस को जारी एक बयान में कहा कि मुंबई में दिये गये उनके 3 फ़िल्मों के 120 करोड़ रुपये कमाने वाला बयान पूरी तरह सही था और तर्क पर आधारित था। प्रसाद के मुताबिक़, उन्होंने मुंबई में कहा था कि, ‘हम अपनी फ़िल्म इंडस्ट्री पर गर्व करते हैं जो लाखों लोगों को रोज़गार देती है।’ क़ानून मंत्री ने कहा कि प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान उन्होंने अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाये गये क़दमों के बारे में बात की थी और कहा था कि मोदी सरकार आम आदमी की भावनाओं का हमेशा ख्याल रखती है।
प्रसाद ने कहा कि उनके बयान का पूरा वीडियो उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर मौजूद है। क़ानून मंत्री ने कहा, ‘मुझे इसके लिए अफ़सोस है कि मेरे बयान का एक हिस्सा उठा लिया गया और इसे संदर्भ से बाहर दिखाकर ग़लत तरीक़े से पेश किया गया। एक संवेदनशील इंसान होने के नाते, मैं अपना बयान वापस लेता हूँ।’
Entire video of my media interaction is available on my social media. Yet I regret to note that one part of my statement has been completely twisted out of context.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) October 13, 2019
Being a sensitive person I withdraw this comment. ...(4/4) pic.twitter.com/VfesKb84T8
Reserve my comments on this ill-informed view but this is insensitive. People are losing jobs, factories are shutting down, growth is dwindling and here we are referring to movie collections. People’s future is at stake but may be they should just go watch a movie Sir? @INCIndia https://t.co/jsCPetFQ90
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) October 12, 2019
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