loader
research shows ayurveda ministry ayush-64 not beneficial against covid

केंद्र की आयुष-64 दवा कोरोना में फायदेमंद नहीं: शोध

भारत के आयुर्वेद मंत्रालय के एक हर्बल फॉर्मूलेशन आयुष-64 का संक्रमण के ख़िलाफ़ कोई लाभकारी प्रभाव नहीं है। यह नये शोध में दावा किया गया है। शोध भी एम्स यानी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने किया है। आयुर्वेद मंत्रालय द्वारा आयुष-64 को हल्के और मध्यम कोविड संक्रमण के ख़िलाफ़ एक उपाय के रूप में प्रचारित किया गया और इसे क्लिनिकल ​​​​प्रबंधन प्रोटोकॉल में शामिल किया गया है। 

एम्स जोधपुर के डॉक्टरों ने आयुष-64 और मानक इलाज प्राप्त करने वाले कोरोना रोगियों के बीच कोई अंतर नहीं पाया है। उनके अध्ययन में यह भी पाया गया कि फॉर्मूलेशन सुरक्षित था और इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं था।

ताज़ा ख़बरें

शोध की रिपोर्ट कहती है कि आयुष-64 प्राप्त करने वाले रोगियों और मानक इलाज पाने वालों के बीच बुखार के पैटर्न, श्वसन लक्षण या प्रमुख ख़ून जाँच माप में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं था।

आयुष-64 के बारे में मंत्रालय ने कहा था कि यह हल्के और मध्यम कोरोना संक्रमण में कारगर है। लेकिन एक बात ग़ौर करने वाली है। दुनिया भर में अब तक जितने भी शोध आए हैं उनमें कहा गया है कि कोरोना संक्रमित लोगों में से 80 फ़ीसदी लोग हल्के और मध्यम संक्रमण के शिकार होते हैं और ऐसे लोगों को विशेष इलाज की ज़रूरत नहीं होती है। ऐसे लोग अपने आप ठीक हो जाते हैं। बाक़ी बच्चे 20 फ़ीसदी को अस्पताल जाने की ज़रूरत पड़ती है और क़रीब 5 फ़ीसदी लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत पड़ती है। 

'द टेलीग्राफ़' की रिपोर्ट के अनुसार, एम्स जोधपुर में फार्माकोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर जयकरण चरण और उनके सहयोगियों ने अपने अध्ययन में कहा है कि 'आयुष -64 का कोई महत्वपूर्ण लाभकारी प्रभाव नहीं है।' हालाँकि इस शोध का अभी तक पीयर-रिव्यू नहीं किया गया है, लेकिन बुधवार को medRxiv पर इसे पोस्ट किया गया है। इस शोध में पाए गए निष्कर्ष पहले के एक शोध से अलग हैं। 

सेंटर फॉर रयूमेटिक डिजीज पुणे के नेतृत्व में पहले के एक अध्ययन में सुझाव दिया गया था कि आयुष-64 जल्दी ठीक करने, अस्पताल में भर्ती होने में कमी लाने, और हल्के व मध्यम कोविड -19 में समग्र रूप से स्वास्थ्य सुधार में सहायक है।

इस शोध में 140 लोग शामिल हुए थे। हालाँकि एम्स के अध्ययन में 60 रोगी शामिल हैं। 

इन दोनों शोध में अंतर होने पर एम्स के डॉक्टरों ने कहा है कि आयुष -64 की प्रभावकारिता को मान्य करने के लिए एक बड़े स्तर पर डबल ब्लाइंड ट्रायल की ज़रूरत है। एक डबल-ब्लाइंड अध्ययन वह है जिसमें न तो रोगी और न ही डॉक्टर यह जानते हैं कि आयुष-64 कौन प्राप्त कर रहा है और कौन मानक इलाज प्राप्त कर रहा है। इसका उद्देश्य किसी भी पूर्वाग्रह को कम करना है।

देश से और ख़बरें
बता दें कि आयुष मंत्रालय ने इस साल अप्रैल में कहा था कि सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेज ने पूरे भारत में मेडिकल कॉलेजों के सहयोग से हल्के से मध्यम कोविड -19 के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापक क्लिनिकल ट्रायल किए थे। मंत्रालय ने कहा था कि परीक्षणों से पता चला था कि आयुष-64 में एंटी-वायरल, इम्यून-मॉड्यूलेटिंग और एंटी-बुखार प्रभाव थे। कोरोना के लिए आयुष मंत्रालय के राष्ट्रीय क्लिनिकल प्रबंधन प्रोटोकॉल में भी आयुष-64 को सूचीबद्ध किया गया है। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें