loader

धर्मसभाओं के ज़रिए बीजेपी का खुल्ला खेल अयोध्यावादी

अयोध्या की धर्मसभा से मनमाफ़िक नतीजे न मिलने के बाद भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद ने आस नहीं छोड़ी है। संघ जहाँ राम मंदिर के मुद्दे को लेकर गाँव-गाँव जाने की तैयारी में है, वहीं धर्मसभा के आयोजन में नेपथ्य में रहकर बड़ी भूमिका निभाने वाली बीजेपी भी अब खुलकर बैटिंग करेगी। सोमवार (3 दिसंबर) को मुंबई और 9 दिसंबर को दिल्ली में होने वाली धर्मसभाओं के इतर अब उत्तर प्रदेश में कम से कम लोकसभा चुनावों का बिगुल बजने तक स्थानीय स्तर पर इस तरह के आयोजनों की झड़ी लगेगी।

80 संसदीय क्षेत्रों में होंगे आयोजन

पूरे दिसंबर और लोकसभा चुनावों तक विहिप ने प्रदेश के सभी 80 संसदीय क्षेत्रों में धर्मसभाओं के आयोजन का कार्यक्रम बनाया है। संघ की योजना के तहत इसकी शुरुआत लखनऊ से होगी और पहले चरण में अवध क्षेत्र में पड़ने वाली 16 संसदीय सीटों पर इसका आयोजन होगा। प्रदेश भर में होने वाली इन 80 धर्मसभाओं में अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट के साधु-संतों के साथ ही संघ के स्थानीय और प्रांतीय पदाधिकारी प्रमुख रूप से शामिल रहेंगे।
rss, bjp pin hopes to rama for 2019 election - Satya Hindi
25 नवंबर की धर्मसंसद में अपेक्षित भीड़ नहीं जुटी। कारसेवकपुरम खाली रहा।

मंदिर पर उदासीनता

अयोध्या के 25 नवंबर के कार्यक्रम में अपेक्षित और प्रचारित भीड़ के न जुटने के बाद संघ परिवार ने अपनी समीक्षा में इसका एक बड़ा कारण लोगों की इस मुद्दे को लेकर उदासीनता और पर्याप्त प्रचार का अभाव माना है। संघ का मानना है कि धर्मसभा को लेकर बीजेपी व विहिप के नेता, सांसद, विधायक  और अन्य पदाधिकारी महज बैनर, होर्डिंग से अपने प्रचार और दिखावे में ही जुटे रहे। राम मंदिर को लेकर नए सिरे से गरम किए जा रहे आंदोलन, धर्मसभा को लेकर गाँव-गाँव में न तो जानकारी पहुँचाई गई और न ही लोगों से ठीक तरीक़े से संपर्क किया गया।
संघ का मानना है कि अयोध्या के क़रीब अवध के ज़िलों से पर्याप्त संख्या में लोगों का धर्मसभा में अयोध्या न पहुँचना राम मंदिर को लेकर उदासीनता और बीजेपी पर अविश्वास का संकेत है, जो कम-से-कम आने वाले लोकसभा चुनावों के लिए अच्छा नहीं है।
कार्तिक पूर्णिमा स्नान का पर्व होने के बाद भी अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर, रायबरेली, बाराबंकी, गोंडा, बहराइच, बलरामपुर, बस्ती, श्रावस्ती और सिद्धार्थनगर से लोगों का राम मंदिर के लिए अयोध्या न पहुँचना न केवल संघ बल्कि बीजेपी के लिए भी चिंता का सबब है। 
rss, bjp pin hopes to rama for 2019 election - Satya Hindi
धर्मसंसद में उम्मीद के मुताबिक़ भीड़ न जुटने से विहिप परेशान है।

बीजेपी को दी जाएगी ज़िम्मेदारी

यही कारण है कि अब संसदीय क्षेत्रों के स्तर पर होने वाली धर्मसभाओं में आयोजन की पूरी ज़िम्मेदारी बीजेपी के स्थानीय नेतृत्व पर डाली जाएगी जबकि जनजागरण का काम संघ और विहिप के कार्यकर्ता करेंगे। इन सभाओं में लोगों को बुलाने के लिए संघ कार्यकर्ताओं की टोली गाँव-गाँव जा कर लोगों में अक्षत बाँटेगी और पहले की ही तरह एक बार फिर से स्थानीय मंदिरों व मठों में अनुष्ठानों का सिलसिला शुरू किया जाएगा।इन अनुष्ठानों के लिए गीता जयंती सप्ताह यानी 18 से 26 दिसंबर का समय चुना गया है। इसमें स्थानीय लोगों को बुलाकर उनके साथ पूजा-अर्चना कर मंदिर निर्माण के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना की जाएगी। संसदीय क्षेत्रों में होने वाली धर्मसभाओं के बाद संतों के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल स्थानीय सांसद से राम मंदिर को लेकर क़ानून बनाने की माँग करते हुए उन्हें इस आशय का आग्रह पत्र सौंपेगा। आग्रह पत्र पर बड़े पैमाने पर स्थानीय लोगों के हस्ताक्षर कराए जाएँगे। संघ परिवार की पूरी कवायद इस मुद्दे को लेकर ज़्यादा से ज़्यादा लोगों से संपर्क साधने के साथ ही उनमें यह विश्वास जगाने की होगी कि न केवल संत बल्कि बीजेपी सरकार भी राम मंदिर निर्माण को लेकर कृतसंकल्प है और जल्दी ही इसका निर्माण शुरू होगा।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें