loader

विपक्षी नेताओं पर छापेमारी का हथियार बन गई हैं जांच एजेंसियां?

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी रूजिरा बनर्जी को सीबीआई ने कोयला घोटाले में पूछताछ के लिए समन भेजा है। रूजिरा ने कहा है कि उन्हें इस बात का नहीं पता कि आख़िर उन्हें पूछताछ के लिए क्यों बुलाया गया है लेकिन वे पूछताछ में शामिल होंगी। 

रूजिरा को समन किए जाने के बाद छह साल पुराना सवाल फिर से खड़ा हो गया है कि जिन राज्यों में चुनाव होने वाले होते हैं वहां या फिर जिन राज्यों में विपक्ष की सरकारों को अस्थिर करना होता है वहां आख़िर सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स जैसी प्रतिष्ठित जांच एजेंसियां क्यों सक्रिय होकर विपक्षी नेताओं, उनके रिश्तेदारों, करीबियों को समन भेजने लगती हैं या उनके घरों-दफ़्तरों में छापेमारी करने लगती हैं। 

वीरभद्र सिंह पर एफ़आईआर

आप विपक्षी नेताओं के बारे में बात कहां से शुरू करेंगे और यह कहां जाकर ख़त्म होगी कहा नहीं जा सकता। साल 2015 में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के शिमला और दिल्ली के ठिकानों पर सीबीआई ने छापे मारे और उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर ली। छापेमारी उस दिन की गई, जिस दिन वीरभद्र सिंह की बेटी की शादी थी। कारण यह बताया गया कि वीरभद्र सिंह ने बिना हिसाब वाली आय को कृषि से मिली आय बताया और इससे अपने परिवार के सदस्यों के लिए इंश्यारेंस पॉलिसियां ख़रीदीं। 

ताज़ा ख़बरें

लालू यादव के घर पर छापेमारी

सीबीआई ने जुलाई, 2017 में पूर्व रेल मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव के घर पर छापे मारे थे। इससे पहले भी सीबीआई ने कई बार छापेमारी की थी। आरोप हैं कि उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए 2006 में दो सरकारी होटलों के रख-रखाव के टेंडर अपनी क़रीबी दो निजी कंपनियों को दिए। लालू प्रसाद के अलावा इस मामले में उनकी पत्नी राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजस्वी यादव का नाम भी दर्ज़ है।

आम आदमी पार्टी निशाने पर 

सीबीआई और दिल्ली पुलिस के निशाने पर आम आदमी पार्टी की सरकार भी रही। पार्टी के क़रीब 15 विधायकों को जेल की हवा खानी पड़ी जिनमें से ज़्यादातर को अदालत से क्लीन चिट मिल गई। केजरीवाल के दफ़्तर और घर पर भी छापे पड़े और उनके प्रमुख सचिव राजेंद्र कुमार को जेल भी जाना पड़ा। 

rujira banerjee summoned by cbi - Satya Hindi

अखिलेश-माया निशाने पर

2019 के लोकसभा चुनाव के लिए एसपी-बीएसपी के गठबंधन की बात शुरू ही हुई थी कि अखिलेश यादव के क़रीबियों के 14 ठिकानों पर सीबीआई ने छापे मारे थे। खनन घोटाले में भी अखिलेश के करीबियों पर जांच एजेंसियों ने शिकंजा कसा था। मायावती के ख़िलाफ़ सरकारी चीनी मिलों से जुड़े मामले, आय से अधिक संपत्ति के मामले और अरबों रुपये के स्मारक घोटाले में जांच हुई लेकिन किसी भी जांच से कुछ हासिल नहीं हुआ। 

जेल में रहे चिदंबरम 

अगस्त, 2019 में सीबीआई ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ़्तार कर लिया था। आरोप है कि 2007 में जब चिदंबरम वित्त मंत्री थे, उन्होंने  नियमों को ताक पर रखकर आईएनएक्स मीडिया में विदेशी निवेश को मंज़ूरी दिलायी गयी थी। चिदंबरम 106 दिन तक जेल में रहे। 

इसके बाद ईडी ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के ख़िलाफ़ पंचकूला की विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर कर दिया था। यह आरोप पत्र धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया गया था। यह मामला पंचकूला में एजेएल को प्लॉट आवंटन में गड़बड़ियों से जुड़ा था। 

सितंबर, 2019 में कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार को ईडी ने गिरफ़्तार कर लिया था। उन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने सात करोड़ रुपये की ‘मनी लॉन्ड्रिंग’ की यानी यह पैसा ग़लत तरीके से विदेश भेजा और वह पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे थे।

रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ 

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नेता कहते थे कि वे सत्ता में आने के बाद रॉबर्ट वाड्रा को जेल भेज देंगे। लेकिन बीजेपी को केंद्र की सत्ता में आए सात साल का वक़्त हो चुका है लेकिन कुछ नहीं हुआ। इनकम टैक्स विभाग रॉबर्ट वाड्रा से कई बार संजय भंडारी को यूपीए के शासनकाल में मिली डिफ़ेंस और पेट्रोलियम डील को लेकर मोटी रिश्वत लेने के और बीकानेर में हुए कथित ज़मीन घोटाले के मामले में पूछताछ कर चुका है। 

rujira banerjee summoned by cbi - Satya Hindi

पवार, ठाकरे को नोटिस 

2019 में महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव से पहले तर्जुबेकार नेता शरद पवार को ईडी ने समन भेज दिया। जब पवार ने कहा कि वे ख़ुद ही ईडी के दफ़्तर आ जाएंगे तो ईडी की ख़ासी किरकिरी हुई। 2020 में महा विकास अघाडी सरकार बनने के बाद पवार के अलावा उनकी सांसद बेटी सुप्रिया सुले, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके बेटे और राज्य सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे को इनकम टैक्स ने समन भेज दिया।

2020 में ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई के घरों पर ईडी ने छापा मारा। कहा गया कि यह छापेमारी फर्टिलाइजर घोटाले में की गई है। 

इसके अलावा पत्रकारों, विरोधियों की आवाज़ को दबाने के मक़सद से भी एजेंसियों पर छापेमारी करने के आरोप लगते रहे हैं।

किसान आंदोलन, न्यूज़ क्लिक ताज़ा उदाहरण

दिल्ली के बॉर्डर्स पर चल रहे किसान आंदोलन में भी केंद्रीय एजेंसियों ने आंदोलन का समर्थन करने वालों पर शिकंजा कसा। आढ़तियों, पंजाबी गायकों, लेखकों, पत्रकारों, व्यापारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं तक को ईडी, इनकम टैक्स और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के नोटिस गए। 

एनआईए की ओर से कहा गया कि खालिस्तान समर्थक प्रतिबंधित संगठन सिख फ़ॉर जस्टिस के द्वारा खालिस्तान समर्थक तत्वों को एनजीओ के जरिये विदेशों से पैसा भेजा रहा है और इस पैसे का इस्तेमाल भारत सरकार के ख़िलाफ़ प्रोपेगेंडा चलाने के लिए किया जा रहा है। 

देश से और ख़बरें

कुछ दिन पहले ही न्यूज़ वेबसाइट न्यूज़ क्लिक के दफ़्तर पर ईडी द्वारा छापेमारी की गई। न्यूज़ क्लिक के निदेशकों और शेयरधारकों के घरों पर भी छापा मारा गया। न्यूज़ क्लिक वेबसाइट सरकार के कामकाज को लेकर सवाल उठाती है। माना जा रहा है कि इसी के चलते कंपनी के दफ़्तर पर छापेमारी की गई। 

चुनाव से पहले जांच एजेंसियों का विपक्षी नेताओं या उनके रिश्तेदारों को समन भेजने का यह काम बंगाल चुनाव में रूजिरा बनर्जी को समन भेजने के बाद फिर से तेज़ होता दिख रहा है। बंगाल के साथ ही कुछ और राज्यों में चुनाव हैं, वहां भी कुछ ऐसा ही हो तो हैरानी नहीं होगी। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें