loader

पहले गोडसे को बताया देशभक्त, अब साध्वी प्रज्ञा ने माँगी माफ़ी

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाले बयान पर माफ़ी माँग ली है। प्रज्ञा ने कहा है कि उनका मक़सद किसी को ठेस पहुँचाना नहीं था। प्रज्ञा ने कहा, ‘अगर मेरे बयान से किसी की भावनाओं को कष्ट पहुँचा है तो उसके लिए मैं माफ़ी माँगती हूँ।’ प्रज्ञा का बयान आने के तुरंत बाद बीजेपी ने इसकी निंदा करते हुए उनसे स्पष्टीकरण माँगा था और सार्वजनिक तौर पर माफ़ी माँगने को कहा था। अपने बयान पर सफ़ाई देते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा, ‘मैं रोडशो में थी, भगवा आतंक को जोड़कर मुझसे प्रश्न किया गया, उस दौरान मैंने तत्काल चलते-चलते उत्तर दिया। मेरी भावना किसी को कष्ट पहुँचाने की नहीं थी। गाँधी जी ने देश के लिए जो भी किया है उसे भुलाया नहीं जा सकता है। मैं उनका बहुत सम्मान करती हूँ।’ साध्वी ने आगे कहा, ‘मेरे बयान को मीडिया ने तोड़-मरोड़कर पेश किया है। मैं पार्टी का अनुशासन मानने वाली कार्यकर्ता हूँ। जो पार्टी की लाइन है वही मेरी लाइन है।' बता दें कि कुछ दिनों पहले फ़िल्म अभिनेता कमल हासन ने गोडसे को आज़ाद भारत का पहला हिंदू आतंकवादी बताया था। इसके बाद से ही इसे लेकर सियासी संग्राम छिड़ गया है। 
साध्वी प्रज्ञा भोपाल से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रत्याशी हैं और मालेगाँव बम धमाकों की अभियुक्त हैं। प्रज्ञा ने एक पत्रकार के सवाल पूछने पर कहा था, ‘नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे। जो लोग उन्हें आतंकवादी कह रहे हैं, उन्हें अपने गिरेबान में झाँकना चाहिए। ऐसे लोगों को इस चुनाव में जवाब दे दिया जाएगा। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। 
लेकिन बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा के बयान से ख़ुद को अलग कर लिया था। बीजेपी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा था कि पार्टी साध्वी प्रज्ञा के बयान से सहमत नहीं है और हम इस बयान की निंदा करते हैं। राव ने कहा था कि पार्टी उनसे इस मामले में सफाई देने को कहेगी। पार्टी ने यह भी कहा था कि साध्वी प्रज्ञा को जनता के सामने आकर माफ़ी माँगनी चाहिए। 
प्रज्ञा ने चुनाव प्रचार के दौरान भी ऐसा ही विवादित बयान दिया था। उन्होंने मुंबई हमले में शहीद हुए पूर्व एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे के लिए कहा था कि हेमंत करकरे को उनका शाप लगा था। उन्होंने कहा था, 'मैंने कहा तेरा (हेमंत करकरे) सर्वनाश होगा। ठीक सवा महीने में सूतक लगा है। जिस दिन मैं गई थी, उस दिन उसे सूतक लग गया था और ठीक सवा महीने में इसको आतंकवादियों ने मारा और उसका अंत हो गया।'तब इस बयान पर ख़ासा विवाद हुआ था। उसके बाद साध्वी प्रज्ञा को अपना बयान वापस लेना पड़ा था। तब भी भारतीय जनता पार्टी ने इस बयान से ख़ुद को अलग करते हुए कहा था कि ये साध्वी के निजी विचार हैं। साध्वी ने चुनाव प्रचार के दौरान भोपाल से टिकट देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का भी धन्यवाद अदा किया था। मोदी और शाह भी प्रज्ञा को टिकट दिए जाने का बचाव करते रहे हैं।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें