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आतंकवाद पर भारत के साथ, पाकिस्तान पर चुप सऊदी शहजादा

भारत आए सऊदी अरब के शहजादा मुहम्मद-बिन-सलमान ने आतंकवाद पर चिंता जताई, भारत को मदद का भरोसा दिया, लेकिन पाकिस्तान पर चुप रहे। उन्होंने साझा प्रेस कॉन्फ़्रेंस में यह तो कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर सऊदी अरब और भारत की चिंताएँ एक समान हैं और वे आतंकवाद से लड़ने में भारत की मदद करेंगे, पर उन्होंने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया और न ही पुलवामा हमले का ज़िक्र किया। इसे भारत के प्रति उदासीनता के रूप में देखा जा रहा है। 
शहज़ादा सलमान ने कहा : आतंकवाद और उग्रवाद पर हमारी चिंताएँ एक समान है। हम भारत और पड़ोसी देशोें के साथ सहयोग करेंगे ताकि अगली पीढ़ियाँ सुरक्षित रहें। इस मामले में हम भारत की भूमिका की तारीफ़ करते हैं। हम भारत के साथ ख़ुफ़िया जानकारियाँ भी साझा करेंगे। 
सऊदी शहज़ादे ने पुलवामा हमले का कोई ज़िक्र नहीं किया, पाकिस्तान का नाम नहीं लिया। इसे भारत को नज़रअंदाज करने के रूप में देखा जा सकता है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इसी शहज़ादे के पाकिस्तान दौरे के बाद जारी साझा बयान में कहा गया था कि आतंकवादियों की संयुक्त राष्ट्र की सूची पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
भारत जैश-ए-मुहम्मद के संस्थापक अज़हर मसूद को इस सूची में डालने की कोशिशें कई बार कर चुका है और पाकिस्तान चीन के साथ मिल कर उसे हर बार रोक देता है। ऐसे में सऊदी अरब का यह बयान भारत के ख़िलाफ़ जाता है। इसके बाद भारत में पुलवामा पर बिल्कुल चुप्पी से संकेत जाता है कि रियाद भारत के साथ नहीं है और वह अपने दोस्त पाकिस्तान को नाराज़ नहीं करना चाहता है।  
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'हम इस पर सहमत हैं कि किसी भी रूप में आतंकवाद का समर्थन नहीं किया जाना चाहिए और जो देश आतंकवाद का समर्थन करते हैं, उन पर दबाव डाला जाना चाहिए। आतंकवाद के बुनियादी ढाँचे को ख़त्म करना और आतंकवादी गुटों को दंड देना ज़रूरी है ताकि आने वाली पीढ़ियाँ हथियार न उठा लें।' लेकिन उनके इस कथन पर सऊदी शहजादे ने कुछ नहीं कहा। उनका इस पर कुछ न कहना रियाद के रवैए को साफ़ करता है। 
सऊदी अरब ने संकेत दिया है कि वह भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश कर सकता है। वह महाराष्ट्र में पेट्रोकेमिकल परियोजनाओं में 11 अरब डॉलर निवेश करना चाहता है। उसने दूसरी कई परियोजनाओं की पहचान भी की है। दोनों देशों के बीच 5 मुद्दों पर सहमति पत्र दस्तख़त भी हुए। 

कांग्रेस का हमला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए ख़ुद हवाई अड्डे पर शहज़ादे सलमान की अगवाई की। कांग्रेस ने इस पर सरकार पर ज़ोरदार हमला बोलते हुए कहा कि जो देश पाकिस्तान को 20 अरब डॉलर की मदद कर रहा है, उसके शहज़ादे का इस तरह स्वागत किया जा रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पुलवामा के शहीदों को याद करने का यह बीजेपी का तरीका है। 
सऊदी के शहजादे ने इसके पहले राष्ट्रपति भवन में कहा कि दोनों देशों के बीच हज़ारों साल पुराना रिश्ता है, इसे और मजबूत किए जाने की ज़रूरत है। 
शहज़ादे सलमान का भारत दौरा इसलिए भी अहम है कि ईरान के साथ भारत की नज़दीकियाँ बढ़ी हैं और तेहरान सऊदी का पुराना विरोधी है। दोनों के बीच बढ़ती कटुता और ईरान के भारत नज़दीक की नज़दीकी के मद्देनज़र दोनों देशोें के एक दूसरे की ज़रूरत है। रियाद भी भारत के साथ रिश्ते मजबूत करना चाहता है। लेकिन यह भी साफ़ है कि सऊदी अरब भारत से ज़्यादा तरजीह पाकिस्तान को देता रहेगा और यह बात इस दौरे में एक बार फिर साबित हो गई। 
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क़मर वहीद नक़वी

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