loader

यौन उत्पीड़न केस: गोगोई के ख़िलाफ़ साज़िश से इनकार नहीं- सुप्रीम कोर्ट

पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को अहम टिप्पणी की है। अदालत ने कहा है कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में गोगोई के ख़िलाफ़ कोई साज़िश रची गई हो। 

अदालत ने कहा कि ऐसी किसी साज़िश को गोगोई के द्वारा सुनाए गए फ़ैसलों से जोड़कर भी देखा जा सकता है। इसमें एनआरसी को लेकर उनकी ओर से दिया गया फ़ैसला भी हो सकता है। अब सवाल यह है कि वह कौन है, जिसने गोगोई के ख़िलाफ़ साज़िश रची। 

ताज़ा ख़बरें

अदालत ने यह बात पूर्व जस्टिस एके पटनायक की रिपोर्ट के आधार पर कही है। पटनायक कमेटी को जिम्मा दिया गया था कि वह गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों में अगर कोई साज़िश है तो उसकी जांच करे। इस मामले में एक वकील उत्सव बैंस के द्वारा साज़िश की बात कहे जाने पर जांच के आदेश दिए गए थे। अदालत ने इस जांच को भी बंद कर दिया है। अदालत के इस फ़ैसले के बाद बैंस ने कहा कि उनके द्वारा लगाए गए आरोप सही साबित हुए हैं। 

अदालत के मुताबिक़, इंटेलीजेंस ब्यूरो के निदेशक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चूंकि रंजन गोगोई ने एनआरसी से जुड़े मामलों में गंभीर रूख दिखाया था और इसलिए इस बात के ठोस कारण हैं कि कुछ लोग उनके फ़ैसलों से नाख़ुश हों। 

पिछले साल मार्च में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिये मनोनीत किया था। जस्टिस गोगोई नवंबर, 2019 में रिटायर हुए थे।

कई अहम फ़ैसले सुनाये

गोगोई ने अपने कार्यकाल में कई अहम फ़ैसले सुनाये। गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने वर्षों से चले आ रहे राम मंदिर-बाबरी मसजिद विवाद मामले में फ़ैसला सुनाया था। इसके अलावा लोकसभा चुनाव 2019 में सरकार और विपक्ष के बीच चुनाव का मुद्दा बने रफ़ाल लड़ाकू विमान के सौदे में कथित गड़बड़ी के मामले में भी रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने फ़ैसला सुनाया था। 

देश से और ख़बरें

यौन उत्पीड़न का आरोप 

रंजन गोगोई पर सीजेआई दफ़्तर में जूनियर कोर्ट असिस्टेंट के पद पर काम कर चुकी एक महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। महिला ने 2019 में 19 अप्रैल को लिखे एक शिकायती पत्र में आरोप लगाया था कि गोगोई ने अपने निवास कार्यालय पर उसके साथ शारीरिक छेड़छाड़ की और जब उसने इसका विरोध किया तो कई बार उसका तबादला किया गया और उसे कई अन्य तरह से परेशान किया गया। महिला के मुताबिक़, 21 दिसंबर, 2018 को उसे नौकरी से भी बर्खास्त कर दिया गया था। महिला के पति और देवर को दिल्ली पुलिस की नौकरी से निलंबित कर दिया गया था। हालांकि बाद में उन्हें नौकरी पर बहाल कर दिया गया था। 

यौन उत्पीड़न के आरोपों के सामने आने के बाद तत्कालीन सीजेआई गोगोई ने कहा था, ‘न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बेहद, बेहद, बेहद गंभीर ख़तरा है और यह न्यायपालिका को अस्थिर करने का एक बड़ा षड्यंत्र है।’ गोगोई ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए इसे उन्हें कुछ अहम सुनवाइयों से रोकने की साज़िश क़रार दिया था।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें