loader

कांग्रेस का स्मृति पर तंज, क्योंकि मंत्री भी कभी ग्रेजुएट थी

स्मृति ईरानी के ग्रेजुएट यानी स्नातक नहीं होने की घोषणा करने के बाद कांग्रेस ने स्मृति पर तंज कसते हुए कहा है कि 'क्योंकि मंत्री भी कभी ग्रेजुएट थी।' स्मृति ने एक दिन पहले ही लोकसभा चुनाव के लिए अमेठी में राहुल गाँधी के ख़िलाफ़ पर्चा भरा है और नामांकन पत्र में डिग्री अधूरी होने की बात लिखी है। उन्होंने शपथ लेकर कहा है कि उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी नहीं की है। 

स्मृति ईरानी की डिग्री को लेकर इसलिए उत्सुकता रही है क्योंकि उनकी शिक्षा को लेकर काफ़ी विवाद होता रहा है। उन्होंने 2004 और 2014 में लोकसभा चुनाव में शैक्षिक योग्यता अलग-अलग बीए और बी. कॉम पार्ट-1 बताई थी। इस मामले ने इतना तूल पकड़ा था कि मामला कोर्ट तक पहुँच गया था। इस बीच एक बार तो उन्होंने येल यूनिवर्सिटी की डिग्री पूरी करने का दावा कर दिया था।

इन्हीं विवादों के बीच कांग्रेस की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने पिछले चुनावों में अलग-अलग डिग्री के ज़िक्र वाले स्मृति के शपथ पत्रों की फ़ोटो कॉपी के साथ लिखा है, 'रिफ़्रेशर कोर्स (सुधार)- द मंत्री वर्ज़न। क्योंकि मंत्री भी कभी ग्रेजुएट थी।'

स्मृति ईरानी की डिग्री का विवाद तब उठा था जब उन्होंने अलग-अलग चुनाव से जुड़े शपथ पत्रों में अलग-अलग डिग्री होने का दावा किया था। 2004 में लोकसभा चुनाव लड़ने के दौरान स्मृति ईरानी ने शपथ-पत्र में कहा था कि उन्होंने बीए पास किया है। उन्होंने 2011 में राज्यसभा चुनाव का पर्चा भरते समय बताया कि उन्होंने डीयू के पत्राचार विद्यालय से बी.कॉम पार्ट-1 किया था। फिर उन्होंने लोकसभा चुनाव 2014 के अपने तीसरे शपथ पत्र में भी कहा कि डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से बी.कॉम पार्ट-एक किया था। जिस समय यह विवाद हुआ था, उस समय स्मृति मानव संसाधन विकास मंत्री के पद पर थीं।

इस बार क्या कहा स्मृति ने?

शपथ पत्र में उच्चतम शिक्षा के कॉलम में स्मृति ईरानी ने लिखा, 'दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ़ ओपन लर्निंग से 'बैचलर ऑफ़ कॉमर्स पार्ट-1 (तीन साल का डिग्री कोर्स पूरा नहीं) ।' इस कोर्स कोर्स का वर्ष उन्होंने 1994 लिखा है। इसका अर्थ है कि उन्होंने उस साल डिग्री कोर्स शुरू किया था, लेकिन इसे पूरा नहीं किया। शपथ पत्र के अनुसार ईरानी ने 1991 में हाईस्कूल की परीक्षा पास की, 1993 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की।

ताज़ा ख़बरें

सोशल मीडिया पर खिंचाई

इस बार के समृति के शपथ पत्र का हवाला देकर लोग सोशल मीडिया पर तंज कस रहे हैं। इसमें विपक्ष के नेता से लेकर वरिष्ठ पत्रकारों तक ने स्मृति की डिग्री को लेकर पोस्ट किये हैं। ऑल्ट न्यूज़ के प्रतीक सिन्हा ने समृति के एक उस बयान वाले वीडियो को ट्वीट किया है जिसमें स्मृति ख़ुद के पास येल यूनिवर्सिटी की डिग्री होने की बात कह रही हैं। प्रतीक सिन्हा ने लिखा, ‘कुछ अजीब कारण के चलते स्मृति ने अपने नामांकन पत्र में येल की डिग्री होने का ज़िक्र नहीं किया।’

पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने लिखा, ‘आख़िरकार स्मृति ईरानी ने स्वीकार किया कि वह ग्रेजुएट नहीं हैं।’

कोर्ट में भी पहुँचा था मामला

बता दें कि इस डिग्री विवाद का मामला कोर्ट में भी गया। 2017 में मामला जब सीआईसी के पास पहुँच तो इसने कहा था कि कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी की 10वीं और 12वीं की मार्कशीट को सार्वजनिक किया जा सकता है। हालाँकि बाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने इस पर स्टे लगा दिया था। अगस्त 2018 में स्मृति की डिग्री से जुड़े विवाद को लेकर पटियाला कोर्ट में याचिका लगाई गयी, लेकिन इस पर फ़ैसला नहीं हो सका है।

पिछले साल नवंबर में राहुल गाँधी ने भी तब तंज कसा था जब अंकीव बसोया का विवाद उठा था। राहुल ने ट्वीट किया था, 'बीजेपी में फ़ेक डिग्री वालों के लिए मंत्रालय में जाने का एक शॉर्ट-कट रास्ता है।' बता दें कि एबीवीपी के सदस्य अंकीव बसोया ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव जीता था जिसने फ़ेक डिग्री के आधार पर यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया था।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें