loader

क्या कश्मीर के मुद्दे पर कांग्रेस ने किया आत्मघाती गोल?

क्या कश्मीर के मुद्दे पर कांग्रेस ने आत्मघाती गोल कर लिया है? कांग्रेस के अंदर पहले से ही जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के मुद्दे को लेकर पार्टी नेताओं के अलग-अलग बयान आ रहे थे। पार्टी के वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी ने ग़ुलाम नबी आज़ाद के बयान के बिलकुल विपरीत बयान दिया था। अब लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कुछ ऐसा ही बयान दे दिया है जिसे लेकर बीजेपी हमलावर हो गई है। 
लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी ने 1994 में लोकसभा के द्वारा पास किए गए एक संकल्प के बारे में बात करते हुए कहा कि सरकार पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के बारे में स्थिति साफ़ करे। इस संकल्प में पूरे जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा बताया गया था। चौधरी ने आगे कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि आप पीओके के बारे में बात कर रहे हैं। सरकार ने जम्मू-कश्मीर राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाकर नियमों की धज्जियाँ उड़ा दी हैं।’ इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वह यह साफ़ करना चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इसमें कोई शक नहीं है और कोई क़ानूनी विवाद भी नहीं है।
ताज़ा ख़बरें
लेकिन इसके बाद चौधरी ने बहुत बड़ी ग़लती कर दी। चौधरी ने कहा, ‘मुझे शक है। आप कहते हैं कि कश्मीर हमारा आतंरिक मामला है। आपने राज्य के दो हिस्से कर दिए हैं। मेरा यह कहना है कि 1948 से संयुक्त राष्ट्र कश्मीर की मॉनिटरिंग कर रहा है तो यह कैसे आतंरिक मामला हुआ। हमने शिमला समझौते और लाहौर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। तो यह आतंरिक मामला है या द्विपक्षीय? कुछ दिन पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका से कहा कि यह हमारा द्विपक्षीय मामला है। क्या इसके बाद भी जम्मू और कश्मीर भारत का आतंरिक मामला हो सकता है। आपको इस पर जवाब देना चाहिए।’ तभी उनकी दायीं तरफ़ बैठी यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गाँधी भी उनके बयान से चौंक गई। सोनिया ने अपने पीछे बैठे राहुल गाँधी की तरफ़ देखा और इशारों में कुछ बोला। तभी राहुल गाँधी को अपना सिर हिलाते देखा गया। 
देश से और ख़बरें
इस पर बीजेपी के सदस्यों ने शेम, शेम के नारे लगाने शुरू कर दिए। इस पर चौधरी ने कहा, ‘आप लोग मुझे ग़लत समझ रहे हैं। मैं आपको बताना चाहता हूँ कि यह बुनियादी सवाल है। आप इस बात को ग़लत न समझें।’ लेकिन तब तक बात निकल चुकी थी और बीजेपी ने इसे लपक लिया था। 
अमित शाह झट अपनी सीट से उठे और चौधरी से पूछा, ‘क्या आप जम्मू-कश्मीर को भारत का अहम हिस्सा नहीं मानते। आप क्या बात कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। जब भी मैं जम्मू-कश्मीर की बात करता हूँ तो पीओके भी इसके अंदर आता है। मैं इसलिए आक्रामक हो रहा हूँ क्योंकि आप लोग यह नहीं सोचते कि पीओके जम्मू-कश्मीर के अंदर आता है। हम इसके लिए जान भी दे सकते हैं।’ शाह ने यह भी पूछा कि आप यह स्पष्ट कर दें कि क्या यह कांग्रेस का स्टैंड है कि संयुक्त राष्ट्र कश्मीर को मॉनिटर कर सकता है। इसके बाद सदन में ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगने लगे। 
संबंधित ख़बरें
सूत्रों के मुताबिक़, सोनिया और राहुल गाँधी ने कांग्रेस सांसदों की बैठक में चौधरी के इस बयान पर कड़ी नाराज़गी जताई है। बताया जाता है कि चौधरी ने अपनी सफ़ाई में कहा कि उन्होंने जो कुछ कहा वह सरकार से स्पष्टीकरण देने के लिए कहा था लेकिन यह सरकार इसे मुद्दा बना रही है।
बीजेपी हमेशा से ही कश्मीर की समस्या के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को ज़िम्मेदार ठहराती रही है। बीजेपी नेता वर्षों से यह कहते आ रहे हैं कि कश्मीर समस्या सिर्फ़ कांग्रेस की ही देन है। अब अधीर रंजन चौधरी के बयान के बाद कांग्रेस को बैकफ़ुट पर आना पड़ सकता है।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें