पार्टी के अंदरूनी कलह से जूझ रही कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किसी का नाम लिए बग़ैर बीजेपी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर तीखा हमला बोला है।
उन्होंने नाम लिए बग़ैर कहा कि विभाजनकारी ताक़तें देश में नफ़रत फैला रही हैं, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचला जा रहा है, देश संकट में है।
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लोकतंत्र ख़तरे में
छत्तीसगढ़ में नए विधानसभा भवन की आधारशिला रखने के मौके पर उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए लोगों को संबोधित किया। सोनिया गांधी ने कहा, 'देश की जनता उन ताक़तों से लड़ना चाहती है, जो नफ़रत फैला रहे हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ख़तरे में है, लोकतंत्र को नष्ट किया जा रहा है।'कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा, 'वे देश का मुँह बंद करना चाहते हैं। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, बी. आर. आंबेडकर जैसे किसी नेता ने यह कल्पना नहीं की होगी कि आज़ादी के 75 साल बाद देश इतने बड़े संकट के मुखातिब होगा जब लोकतंत्र और संविधान ही ख़तरे में पड़ जाएगा।'
निया गांधी ने केंद्र सरकार पर ज़ोरदार हमला बोलते हुए राज्यों का जीएसटी बकाया नहीं देने और कोरोना संकट के बीच एंट्रेंस परीक्षाएं कराने के लिए आलोचना की।
NEET, JEE
बता दें कि कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों ने कोरोना के समय परीक्षाएं कराने के केंद्र की जिद का ज़बरदस्त विरोध किया है और इसके एक मुद्दा बनाया है। कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को पूर देश के ज़िला मुख्यालयों पर इसके ख़िलाफ विरोध प्रर्दशन किया।पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब और महाराष्ट्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल की गई है। इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से 17 अगस्त के आदेश की समीक्षा की माँग की गई है, जिसमें कोर्ट ने परीक्षा कराने को हरी झंडी दी थी। याचिका में कहा गया है कि कोरोना महामारी को देखते हुए सितंबर में होने वाली जेईईऔर एनईईटी को स्थगित कर दिया जाए।
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