loader

कॉलीजियम की सिफ़ारिश : 8 हाई कोर्टों में मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति, पाँच तबादले

ऐसे समय जब अदालतों में लंबित पड़े मामलों की तादाद लाखों में है और यह संख्या बढ़ती ही जा रही है, सुप्रीम कोर्ट कॉलीजियम ने आठ हाई कोर्टों में मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने के लिए नामों की सिफ़ारिश केंद्र सरकार को भेजी है। इसके अलावा पाँच हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों और 17 जजों के तबादले की भी सिफ़ारिश की गई है। 

इसमें कलकत्ता हाई कोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल भी शामिल हैं, जिन्हें पदोन्नति देकर इलाहाबाद हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की गई है। 

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जज जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव को कलकत्ता हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश भी गई गई है। 

ख़ास ख़बरें

मुख्य न्यायाधीश जे. वी. रमना इस कॉलीजियम के प्रमुख हैं। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर ये नाम डाले गए हैं। 

क्या हैं सिफ़ारिशें?

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफ़ारिश की गई है तो इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिर ऋतुराज अवस्थी को कर्नाटक हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की अनुशंसा सुप्रीम कोर्ट कॉलीजियम ने की है। 

बता दें कि कॉलीजियम शीर्ष न्यायपालिका में जजों को नियुक्त करने और प्रमोशन देने की सिफ़ारिश करने वाली सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जजों की एक समिति है।

यह समिति जजों की नियुक्तियों और उनके प्रमोशन की सिफ़ारिशों को केंद्र सरकार को भेजती है और सरकार इसे राष्ट्रपति को भेजती है। राष्ट्रपति के कार्यालय से अनुमति मिलने का नोटिफ़िकेशन जारी होने के बाद ही नियुक्ति होती है।

बता दें कि कॉलीजियम की सिफ़ारिशों पर कई बार विवाद भी हो चुका है, केंद्र सरकार से उसकी ठनी भी है। 

अकील कुरैशी का मामला

कॉलीजियम के उस फ़ैसले पर सवाल उठे थे जिसमें इसने सरकार की आपत्ति पर गुजरात के जस्टिस अकील कुरैशी से जुड़ी अपनी ही सिफ़ारिश को पलट दिया था।

सुप्रीम कोर्ट कॉलीजियम ने जस्टिस अकील कुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने के बजाए उन्हें त्रिपुरा हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफ़ारिश की थी। मध्य प्रदेश का हाईकोर्ट देश के सबसे बड़े हाईकोर्ट में से एक है, जबकि त्रिपुरा हाईकोर्ट सबसे छोटा।

गुजरात हाई कोर्ट में रहते हुए जस्टिस कुरैशी ने कई अहम फ़ैसले सुनाए थे। उनमें से एक फ़ैसला गृह मंत्री अमित शाह से जुड़ा हुआ था। 

supreme court collegium recommends 8 high court chief justices - Satya Hindi
जस्टिस जे. वी. रमना, मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट

शोहराबुद्दीन शेख एन्काउंटर मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस कुरैशी ने उन्हें दो दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा था, हालाँकि बाद में अमित शाह को इस केस में बरी कर दिया गया है।

जस्टिस ताहिलरमानी 

मद्रास हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश विजया ताहिलरमानी ने अपेक्षाकृत छोटे मेघालय हाई कोर्ट भेजे जाने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।

उनके तबादले के ख़िलाफ़ स्थानीय बार एसोसिएशन ने प्रदर्शन किया और उनके तबादले पर फिर से विचार करने का आग्रह किया था। कॉलीजियम ने कहा था कि बदलाव संभव नहीं है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें