सुप्रीम कोर्ट ने लड़की द्वारा चिन्मयानंद के ख़िलाफ़ आरोप लगाने के मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम यानी एसआईटी जाँच कराने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि लड़की द्वारा बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के ख़िलाफ़ लगाए आरोपों के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश सरकार एसआईटी गठित करे। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाइकोर्ट को कहा है कि वह इस जाँच की निगरानी करे। कोर्ट ने अगले आदेश तक उत्तर प्रदेश पुलिस को लड़की और उसके परिवार की सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है।
यह मामला शाहजहाँपुर के स्वामी सुखदेवानंद पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में पढ़ने वाली 23 साल की एक लड़की द्वारा सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करने से जुड़ा है। वीडियो में उन्होंने एक संन्यासी द्वारा लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। इसके बाद शनिवार को वह लड़की एकाएक ग़ायब हो गई थी। लड़की के पिता ने बीजेपी के पूर्व सांसद चिन्मयानंद के ख़िलाफ़ रिपोर्ट दी थी। पुलिस ने पूर्व बीजेपी सांसद के ख़िलाफ़ अपहरण और आपराधिक धमकी देने का मामला दर्ज किया है। लड़की जिस कॉलेज में पढ़ती है, उसकी वेबसाइट पर लिखा है कि स्वामी चिन्मयानंद कॉलेज की प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हैं। चिन्मयानंद केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को ख़ुद से संज्ञान में लिया है। कोर्ट ने जिस दिन सुनवाई शुरू की उसी दिन पुलिस ने कहा था कि उसने लड़की को ढूँढ लिया है। पिछले कई दिनों से लापता लड़की शुक्रवार को ही राजस्थान में मिली थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लड़की को कोर्ट में ले जाया गया था।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के जजों ने चिन्मयानंद के ख़िलाफ़ आरोप लगाने वाली लड़की से शुक्रवार को मुलाक़ात की थी। मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस बोपन्ना की बेंच ने कहा कि हमने लड़की से मुलाक़ात की है। उन्होंने यह भी कहा कि सवाल के जवाब में लड़की ने कहा कि वह अपने कॉलेज के मित्र के साथ उत्तर प्रदेश से बाहर गई थी। जस्टिस भानुमति ने कहा कि हम लड़की की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
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