loader

सुशांत केस: विकास सिंह बोले- नया मेडिकल पैनल बने, वरना अदालत जाएंगे

‘सुशांत सिंह राजपूत की हत्या ही हुई है’, बस इसी एक लाइन को चार महीने से पकड़कर बैठे सुशांत के परिवार के वकील विकास सिंह न तो एम्स की रिपोर्ट को मानने के लिए तैयार हैं और न ही सीबीआई के शुरुआती संकेतों को। बता दें कि एम्स के पैनल ने सुशांत सिंह की हत्या की संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया है। सीबीआई को सौंपी अपनी रिपोर्ट में पैनल ने अभिनेता को ज़हर दिए जाने या गला घोटने की आशंकाओं से इनकार किया है। सीबीआई जांच में भी सुशांत द्वारा आत्महत्या किए जाने के ही संकेत मिले हैं। 

सुशांत मामले में टीवी चैनलों पर अकसर दिखने वाले विकास सिंह ने अब धमकी दी है। उनका कहना है कि अगर सुशांत के मामले में नया मेडिकल पैनल नहीं गठित किया गया तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। 

ताज़ा ख़बरें

विकास सिंह ने कहा, ‘अगर सीबीआई कार्रवाई नहीं करती है तो हम अदालत जाएंगे और एक नई फ़ॉरेंसिक टीम का गठन करने की मांग करेंगे। हमें सही मेडिकल ओपिनियन चाहिए। इस तरह के ओपिनियन से न्याय नहीं मिल सकता।’ 

विकास सिंह ने इस बात का भी दावा किया है कि एम्स के पैनल के चीफ़ डॉ. सुधीर गुप्ता ने टीवी चैनलों पर आकर और यह कहकर कि सुशांत का मामला आत्महत्या का था, नैतिक और मेडिकल से जुड़ी गाइडलाइंस का उल्लंघन किया है। 

देखिए वीडियो, सुशांत मामले में पत्रकारिता या गुंडागर्दी?

विकास सिंह ने कहा कि एम्स के पैनल के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जानी चाहिए और मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया को इस मामले को देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल सीबीआई इस बात का फ़ैसला कर सकती है कि यह आत्महत्या थी या नहीं। उनके मुताबिक़, सुशांत के परिजन चाहते हैं कि नई मेडिकल टीम पोस्टमार्टम और विसरा रिपोर्ट की फिर से जांच करे। 

एम्स के पैनल द्वारा जहर दिए जाने और गला दबाकर मार डालने जैसे सुशांत के परिवार के गंभीर आरोपों को सिरे से नकार दिए जाने के बाद सोशल मीडिया पर बैठे सुशांत के समर्थक भड़क गए थे और उन्होंने डॉ. सुधीर गुप्ता को ट्रोल किया था। 

विकास सिंह ने कहा है कि अगर सुशांत की मौत फांसी के फंदे से भी हुई है तब भी हत्या की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता।

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, सीबीआई द्वारा सुशांत की मौत के सीन को रिक्रिएट कराया गया लेकिन इसमें भी हत्या जैसी कोई बात सामने नहीं आई। सुशांत के बैंक खाते के ऑडिट में भी ऐसी कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है जिससे कुछ संदेह पैदा हो। अख़बार ने सीबीआई के सूत्रों के हवाले से कहा है कि इस पूरे मामले में अब तक कुछ भी ऐसा नहीं है जिससे लगे कि रिया चक्रवर्ती ने पैसे की ख़ातिर सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाया हो। 

देश से और ख़बरें

रिया को मिली जमानत

सुशांत की मौत से जुड़े ड्रग्स मामले में रिया चक्रवर्ती को बुधवार को जमानत मिल गई और कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद शाम को उन्हें रिहा कर दिया गया। लेकिन इस संबंध में मुंबई पुलिस ने मीडिया को लेकर जो दिशा-निर्देश जारी किए हैं, वे बहुत गंभीर हैं। 

पुलिस ने कहा है कि रिहाई के बाद रिया का पीछा करना गैर कानूनी होगा। ऐसा करने वाले वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा। सिग्नल पर यदि रिया की गाड़ी रुकी और कोई उसके विजुअल्स या बाइट लेने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। पुलिस ने कहा कि पीछा करने वाले मीडियाकर्मी अपनी तथा सड़क पर चलने वाले अन्य लोगों की जान के लिए खतरे जैसी स्थितियां पैदा कर देते हैं। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें