loader

प्रत्यर्पण के ख़िलाफ़ दायर विजय माल्या की याचिका खारिज

उद्योगपति विजय माल्या लंदन की हाई कोर्ट में उन्हें भारत में प्रत्यर्पित किए जाने से संबंधित केस हार गए हैं। 2018 में लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने विजय माल्या के भारत में प्रत्यर्पण के आदेश दिए थे। माल्या ने इस आदेश के ख़िलाफ़ लंदन हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। अब इस मामले में अंतिम फ़ैसले के लिए इसे ब्रिटेन की गृह सचिव प्रीति पटेल के पास भेजा जाएगा। 

माल्या के वकील ने इस मामले में फ़रवरी में हुई सुनवाई में लंदन हाई कोर्ट में दलील दी थी कि 2018 के फ़ैसले में कई ग़लतियां थीं और जज ने किंगफ़िशर एयरलाइंस की वित्तीय स्थिति के बारे में दिए गए सबूतों को नहीं देखा था। 

ख़ास ख़बरें

सोमवार को लॉर्ड जस्टिस स्टीफ़न इरविन और जस्टिस एलिजाबेथ लेइंग की बेंच ने रॉयल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस में मामले की सुनवाई की। सुनवाई में बेंच ने माल्या की अपील को खारिज कर दिया। 

सूत्रों के मुताबिक़, विजय माल्या के पास हाई कोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का विकल्प बचा है। लेकिन ऐसा उन्हें 14 दिन के भीतर करना होगा। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो भारत उनके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर देगा। 

भारतीय जाँच एजेंसियां लंबे समय से माल्या के प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही हैं। क़रीब 9000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में माल्या भारत से फ़रार हैं। भारत सरकार के अधिकारियों का कहना है कि माल्या का इस पैसे को चुकाने का कोई इरादा नहीं है। शराब कारोबारी माल्या अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार करते रहे हैं। वर्तमान में वह जमानत पर हैं। 

देश से और ख़बरें
माल्या के भारत छोड़कर भाग जाने के बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर जमकर हमला बोला था। ऐसे में अगर भारत सरकार माल्या को वापस लाने में सफल रहती है तो वह विपक्षी नेताओं के आरोपों का जवाब दे सकेगी। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें