प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अर्थव्यवस्था की कोई समझ नहीं है। यह किसी और ने नहीं, उनकी पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रमणियन स्वामी ने कहा है।
चेन्नई में न्यू इंडियन एक्सप्रेस की ओर से आयोजित कार्यक्रम ‘थिंकएजु कॉनक्लेव’ में उन्होंने नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, ‘नरेंद्र मोदी को अर्थव्यवस्था की कोई समझ नहीं है। इसलिए उन्हें मुझे वित्त मंत्री बना देना चाहिए।’
इसके साथ ही स्वामी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर भी चोट की। उन्होंने कहा, ‘उनके बारे में तो नहीं कहा जाए तो ही अच्छा है।’ उन्होंने सीतारमण पर तंज किया और इशारों इशारों में कहा कि सिर्फ़ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ने से ही अर्थव्यवस्था जैसे विषय की समझ नहीं आती है।
स्वामी ने कहा : इकोनॉमिक्स एक सूक्ष्म विषय है, जिसमें एक क्षेत्र का असर दूसरे कई क्षेत्रों पर पड़ता है। आपको यह समझना होता है। ऐसा नहीं है कि आप बस जेएनयू में पढ़ें, एक डिग्री ले लें और सबकुछ सीख जाएं।
बता दें कि निर्मला सीतारमण ने जेएनयू में अंतरराष्ट्रीय सम्बन्ध में एम. ए. किया है। बीजेपी सांसद ने अपनी पीठ खुद थपथपाई। उन्होंने कहा :
“
मेरी समस्या यह है कि सिर्फ़ अर्थशास्त्री नहीं हूं, मैं एक राजनेता भी हूं। लोगों को डर है कि यदि मुझे वित्त मंत्रालय मिल गया और मैंने अच्छा काम कर दिखाया तो मैं कह सकता हूं, मैं वित्त मंत्री के रूप में काम कर थक चुका हूं, अब मुझे प्रधानमंत्री बनाओ और वह ऐसा नहीं चाहेंगे।
सुब्रमणियन स्वामी, सांसद, बीजेपी
इस बीजेपी सांसद ने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था की हालत बहुत ही नाज़ुक है और इसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
इसके पहले आर्थिक हालात को लेकर बीजेपी के राज्यसभा सांसद ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा था। जुलाई-सितंबर, 2019 की तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि की दर 4.5 प्रतिशत दर्ज की गई थी। पर स्वामी ने कहा था कि निर्मला अर्थव्यवस्था नहीं जानती हैं और जीडीपी वृद्धि दर तो जितनी सरकार कह रही है, उतनी भी नहीं है। उससे कम है।
स्वामी ने कहा, ‘क्या आप जानते हैं कि आज वास्तविक विकास दर क्या है? वे कह रहे हैं कि यह 4.8% है लेकिन मैं कह रहा हूँ कि यह 1.5 प्रतिशत है।’
इसके अलावा बीते साल सितंबर में अंग्रेज़ी वेबसाइट 'द प्रिंट' के लिए लिखे एक लेख में स्वामी ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्थव्यवस्था के लिए उन लोगों पर निर्भर हैं जो उन्हें आर्थिक जगत का कड़वा सच नहीं बताते, बल्कि वही कहते हैं जो प्रधानमंत्री सुनना चाहते हैं और यह देश के लिए बेहद ख़तरनाक है। स्वामी ने कहा था कि ऐसे लोग मोदी को अर्थव्यवस्था की सूक्ष्म बातें नहीं समझाते या यह नहीं बताते कि उन्हें कब क्या करना चाहिए।
अपनी राय बतायें