loader

बग़ैर सरकारी स्वीकृति के भारतीय कंपनियों में निवेश नहीं कर सकेंगी चीनी कंपनियाँ

सरकार ने ऑटोमैटिक रूट से होने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिसके बड़े दूरगामी नीतेजे हो सकते हैं। नए नियमों के मुताबिक़, पड़ोसी देशों के नागरिकों के स्वामित्व वाली कंपनियाँ भारत की किसी कंपनी में ऑटोमैटिक अप्रूवल रूट से पैसे निवेश नहीं कर सकेंगी। इसके लिए उन्हें सामान्य प्रक्रिया से जाना होगा, जिसमें सरकार की स्वीकृति ज़रूरी होगी। 

अर्थतंत्र से और खबरें

क्या है मामला?

पहले से ही ऐसा नियम है, जिसके तहत पाकिस्तान और बांग्लादेश की कंपनियाँ भारत में ऑटोमैटिक रूट से बग़ैर सरकार की स्वीकृति के निवेश नहीं कर सकती थीं।
इसमें अब यह कहा गया है कि जिन देशों की सीमाएं भारत से मिलती है, उन देशों के नागरिकों पर भी यह नियम लागू होगा।

पर्यवेक्षकों का कहना है कि यह दरअसल चीनी कंपनियों को भारतीय कंपनियों के अधिग्रहण करने से रोकने के लिए किया गया है।

चीन से परहेज?

इसमें यह व्यवस्था भी की गई है कि हॉगकॉग, ताइवान या सिंगापुर में रहे वाले चीनी नागरिक भी भारतीय कंपनियों में बग़ैर सरकारी स्वीकृति के निवेश न कर सकें।

कुछ दिन पहले ही पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने एचडीएफसी की एक प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी। इसके अलावा एक चीनी बैंक ने यस बैंक में भी निवेश करने में दिलचस्पी दिखाई थी।
कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के नेता राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की थी कि संकट के इस समय में घरेलू कंपनियों को विदेशी कंपनियों के अधिग्रहण से बचाने की ज़रूरत है।    

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

अर्थतंत्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें