loader

आईएमएफ़ ने क्यों कहा, बेज़ो को गाली देना भारत को पड़ेगा महँगा?

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की ओर से अमेज़ॉन के मालिक जेफ़ बेज़ो को निवेश पर खरी-खोटी सुनाने का मामला शांत नहीं हो रहा है। ऐसे समय जब 1 करोड़ डॉलर के अमेज़ॉन के निवेश प्रस्ताव पर उन्हें गोयल ने झिड़क दिया, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा है कि भारत को इस समय निवेश की ज़रूरत है। 

बता दें कि जेफ़ बेज़ो ने भारत में एक अरब डॉलर के निवेश का एलान किया, उन्होंने यह भी कहा कि अगले 5 साल में अमेज़ॉन भारत में 10 लाख नौकरियों के मौके बनाएगा। इस पर पीयूष गोयल ने कहा कि ऐसा कर वह कोई बहुत बड़ा अहसान नहीं कर रहे हैं। उनकी कंपनी एक अरब डॉलर का नुक़सान उठाने के बाद इतने का ही निवेश कर रहे हैं। 

अर्थतंत्र से और खबरें
इस घटना के कुछ दिन बाद ही गीता गोपीनाथ भारत आईं। एनडीटीवी ने उनसे पूछा कि क्या जेफ़ बेज़ो पर पियूष गोयल की प्रतिक्रिया से बाज़ार पर बुरा असर पड़ेगा? गोपीनाथ ने कहा :

भारत को बहुत निवेश की ज़रूरत है। यह ज़रूरी है कि यह देश हर तरह से निवेश आकर्षित करने की पूरी कोशिश करे। यह ज़रूरी है कि घरेलू निवेश फिर से बढ़ाई जाए, खपत पर खर्च अभी भी बहुत कम है। मुझे लगता है कि ऐसा। ऐसा वातावरण बनाया जाना चाहिए जिससे बड़े पैमाने पर निवेश हो, इससे देश के विकास की क्षमता बढ़ जाएगी।


गीता गोपीनाथ, प्रमुख अर्थशास्त्री, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष

गोपीनाथ ने एनडीटीवी से कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय जीडीपी में भारतीय अर्थव्यवस्था के योगदान को देखते हुए यदि इसमें गिरावट आएगी तो उसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। इसलिए हमने अंतरराष्ट्रीय जीडीपी के अनुमान में 0.1% प्रतिशत की कटौती कर दी है।'
इसके पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा था कि भारत को आर्थिक सुस्ती रोकने के लिए कदम तुरन्त उठाने चाहिए। उन्होंने दिल्ली में कहा था कि भारत अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को चलाने वाला महत्वपूर्ण इंजन है, लेकिन गिरती खपत, निवेश, कम होते कर राजस्व और दूसरी वजहों से दुनिया की सबसे तेज़ रफ़्तार से आगे बढ़ रही अर्थव्यवस्था पर ब्रेक लग गया है। गोपीनाथ ने पिछले हफ़्ते उन्होंने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था सुस्ती से मंदी की ओर आश्चर्यजनक ढंग से बढ़ी है। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

अर्थतंत्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें