‘बेरोज़गारी के सवाल पर मोदी सरकार के अंतरिम वित्त मंत्री ने कहा है कि कुछ लोगों ने ऐसा माहौल बना दिया है जबकि रोज़गार के परंपरागत तरीक़े बदल चुके हैं।’ आरोप लगना शुरू हो गए थे कि बजट में बेरोज़गारों के लिए कुछ नहीं था, तब पीयूष गोयल ने एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में उपरोक्त सफ़ाई दी।
वाह, अपनी तारीफ़ पर ही थपथपाई मेज
पहली बार लोगों ने देखा कि आमने-सामने हुई तारीफ़ पर कोई शीर्ष राजनेता ऐसी भी प्रतिक्रिया कर सकता है। बजट समाप्त करते समय आख़िरी पंक्तियाँ अंतरिम वित्त मंत्री ने सदन में मौजूद प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व को समर्पित कीं। उनकी इतनी ठकुरसुहाती क्षम्य थी पर लोकसभा टीवी के कैमरों ने दर्ज़ किया कि ख़ुद अपनी तारीफ़ से पुलकित प्रधानमंत्री दूसरों से ज्यादा गति और ताक़त से इस पर अपनी मेज़ थपथपाते रहे।
उद्योगों के लिए खोखला रहा बजट
अंतरिम बजट जिसे एक अंतरिम वित्त मंत्री ने पहली बार संपूर्ण बजट की तरह पेश किया, इसमें ऐसा कोई कारक मौजूद नहीं मिला जो भयंकर बेरोज़गारी को अंश भर भी छूता। छोटे और मझोले उद्योग जो करोड़ों लोगों को जीने का दिलासा दिए रहते थे, जो नोटबंदी और जीएसटी के घमंड भरे इस्तेमाल से साफ़ हो गए, उनके पुनर्जीवन के लिए इस अंतरिम बजट में कुछ न था।
एफ़डीआई पर मुँह छिपा रही सरकार
बीते 6 महीने से सरकार एफ़डीआई के आँकड़े छिपा रही है। भारत विगत कई वर्षों से एफ़डीआई आने का दुनिया का सबसे बड़ा केंद्र है। रेलवे और इन्फ़्रास्ट्रक्चर के क्षेत्रों में हमने सौ प्रतिशत तक विदेशी निवेश की छूट देकर यह मुक़ाम हासिल किया है।
सेंटर फ़ॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनामी (CMIE) ने पिछले महीने ही बताया था कि नए प्रोजेक्ट लगने की दर बीते 14 साल में सबसे नीचे चली गई है। वायब्रेंट गुजरात में इस साल इंग्लैंड और अमरीका ने पंडाल तक नहीं लगाए।
पकौड़ा और पीएम का विजन
कुंभ में नहाती और गोवंश पर बयान झाड़ने को विकास बताती सरकार ने इस बिगड़ते हालात को संभालने के लिए कुछ भी गंभीर काम नहीं किया। या यूँ समझें कि वह इस काम को अंजाम देने के क़ाबिल ही नहीं है। बेरोज़गार ख़ुद क्या करते ज़ब उनके पीएम का विजन पकौड़े के ठेले के नीचे तक जा पहुँचा हो?
जिस देश में दुनिया की सबसे बड़ी नौजवान आबादी निवास करती हो पर उसके हाथ और उसका समय नितांत खाली हो, उसे बरबाद होने/करने के लिए किसी शत्रु की क्या ज़रूरत है? बीते बरस में बेकारी की दर 7.4 फ़ीसद रही पर अंतरिम वित्त मंत्री 3.4 फ़ीसद के फ़िस्कल पर गर्वित थे।
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