केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने उद्योग जगत पर बेहद तीखा हमला करते हुए कहा कि उनका कामकाज राष्ट्र हित के ख़िलाफ़ होता है।
वे सिर्फ अपने, अपनी कंपनी और अपने मुनाफ़े के बारे में सोचते हैं, उन्हें देश हित से कोई मतलब नहीं है।
इतना ही नहीं, गोयल ने यह भी कह दिया कि राष्ट्रवादी कंपनियाँ विदेशी उत्पाद आयात नहीं करतीं, लेकिन भारतीय कंपनियाँ दस पैसे की लालच में विदेश से सामान खरीद लेती हैं।
गोयल ने भारतीय उद्योग परिसंघ के कार्यक्रम में यह कहा। उनका सबसे तीखा हमला टाटा समूह पर था, जिसका नाम लेकर उन्होंने उस पर हमला किया।
इस कार्यक्रम के वीडियो को बाद में डिलीट कर दिया गया। टाटा समूह ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन कॉरपोरेट विशेषज्ञों ने इस पर हैरत जताई है।
सीआईआई का कार्यक्रम
यह कार्यक्रम सीआईआई का सालाना सम्मेलन था और गोयल ने जो कुछ कहा, वह बग़ैर किसी भड़काऊ टिप्पणी के कहा।
गोयल ने टाटा समूह के ढांचागत संरचना, रक्षा व एअरोस्पेस विभाग के अध्यक्ष का नाम लेकर उन पर हमला बोला। उन्होंने कहा, "मैं, मेरा और मेरी कंपनी-हम सबको इससे बाहर निकलने की ज़रूरत है।" गोयल ने इसके आगे कहा,
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आपकी जैसी कोई कंपनी एक-दो विदेशी कंपनी खरीद ली तो उसका महत्व ज़्यादा हो गया, देश हित कम हो गया?
पीयूष गोयल, वाणिज्य व उद्योग मंत्री
टाटा समूह पर हमला
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने यह बात टाटा समूह के प्रमुख एन. चंद्रशेखरन से भी कही है।
यह शायद पहली बार हुआ है कि कोई केंद्रीय मंत्री इस तरह देश चोटी के उद्योगपतियों के समूह में जाकर इस तरह सार्वजनिक तौर पर कहे कि उनका कामकाज राष्ट्र हित में नहीं है।
पीयूष गोयल ने टाटा समूह को चुनौती दी कि टाटा आइरन एंड स्टील कंपनी अपना उत्पाद कोरिया या जापान में बेच कर दिखाए। उन्होंने इसके आगे कहा,
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जापानी कंपनियाँ भारतीय उत्पाद नहीं खरीदती हैं क्योंकि वे राष्ट्रवादी हैं। लेकिन भारत की कंपनियां दस पैसे के फ़ायदे के लिए भी आयात कर लेती हैं।
पीयूष गोयल, वाणिज्य व उद्योग मंत्री
राष्ट्रवाद
गोयल यहीं नहीं थमे, उन्होंने कहा, "हम राष्ट्रवाद की बात करते हैं तो मीडिया में कई लोग हमें दकियानूसी कहते हैं, पिछड़ा हुआ बताते हैं, कोरिया व जापान में ऐसा कोई नहीं बोलता है।"
उन्होंने संकेत दिया कि कई कंपनियाँ नियम क़ानून तोड़ कर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का फ़ायदा उठाती हैं।
गोयल ने कहा कि उद्योगपतियों से कहा कि वे लालच से बचें और विदेशियों को फ़ायदा न उठाने दें।
उन्होंने कहा कि बहुत ज़्यादा मुनाफा किसी के हाथ में होने से बहुत समस्याएं हो सकती हैं।
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