loader

क्या एनएसई में तकनीकी अड़चन हुई?

कंप्यूटरों के भरोसे चलनेवाले ऑनलाइन स्टॉक एक्सचेंज में इस तरह की तकनीकी गड़बड़ी कैसे आई? ऐसे हालात में एक्सचेंज का पूरा काम बैक अप सर्वर पर शिफ्ट हो जाना चाहिए, वो क्यों नहीं हुआ? और गड़बड़ी की तमाम शिकायतों के बावजूद एक्सचेंज ने कारोबार बंद करने में एक घंटे से ज्यादा का वक़्त क्यों लगाया? यह सारे सवाल अभी जवाब माँग रहे हैं। 
आलोक जोशी
शेयर बाज़ार के खिलाड़ियों के लिए बुधवार का दिन भारी हंगामे से भरा रहा। सुबह से ही देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज एनएसई में गड़बड़ी की शिकायतें शुरू हुईं और 11.40 पर वहाँ कारोबार ही बंद हो गया। लंबी ऊहापोह के बाद बाज़ार बंद होने के बाद एक्सट्रा टाइम में डेढ़ घंटे का कारोबार हुआ और उसी दौरान दोनों एक्सचेंजों में भारी उछाल भी दिखाई दी। सेंसेक्स 1,030 प्वाइंट चढ़कर 50,782 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 272 प्वाइंट बढ़कर 14,982 पर बंद हुआ। 
यह 'एफ़ एंड ओ' यानी वायदा सौदों की एक्सपायरी का दिन भी था। इसी वजह से ट्रेडिंग बंद होते ही बाज़ार में हड़कंप मच गया और शायद ब्रोकरों के भारी दबाव की वजह से ही एक्सचेंज को बाज़ार बंद होने के समय के बाद खासतौर पर ट्रेडिंग खोलने का इंतजाम करना पड़ा।

आख़िर हुआ क्या?

हुआ यह कि सवेरे एक्सचेंज खुलने के साथ ही कुछ ब्रोकरों की तरफ से टर्मिनल में सही भाव न आने की शिकायतें आने लगी थीं। लेकिन 10.30 बजे के आसपास तो स्टॉक और इंडेक्स दोनों के ही भाव फ्रीज होने लगे। इसके बाद शिकायतें लगातार बढ़ती गईं। आख़िरकार 11.40 पर स्टॉक एक्सचेंज ने ट्रेडिंग बंद कर दी और उसने ट्वीट करके यह जानकारी भी दे दी। 

हालांकि उस वक़्त कहा गया था कि एक दो घंटे में कारोबार फिर शुरू होने की उम्मीद है, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। जब तक एक्सचेंज कारोबार शुरू करने की स्थिति में आया तब तक बाज़ार बंद होने का समय हो गया था। उधर दूसरे एक्सचेंज बीएसई में कारोबार सामान्य चल रहा था। 

तेज़ उछाल

शायद इसीलिए दोनों एक्सचेंजों में बातचीत के बाद शाम 3.30 बजे के बाद फिर 5 बजे तक ट्रेडिंग खोली गई और वहाँ बाज़ार में तेज़ उछाल दिखाई पड़ा। 

उछाल की एक बड़ी वजह सरकार की तरफ से आई यह सूचना थी कि सरकार और सरकारी विभागों पर लगी यह पाबंदी हटाई जा रही है कि वे अपना बैंकिंग का काम सिर्फ सरकारी बैंकों के साथ करेंगे। निजी बैंकों के लिए यह बड़ी खुशखबरी है और इसी वजह से बैंकों के शेयर और बैंकिंग इंडेक्स ने आज की तेज़ी में सबसे बड़ी भूमिका निभाई। 

उठे कई सवाल

लेकिन कंप्यूटरों के भरोसे चलनेवाले ऑनलाइन स्टॉक एक्सचेंज में इस तरह की तकनीकी गड़बड़ी कैसे आई?
ऐसे हालात में एक्सचेंज का पूरा काम बैक अप सर्वर पर शिफ्ट हो जाना चाहिए, वो क्यों नहीं हुआ?

गड़बड़ी की तमाम शिकायतों के बावजूद एक्सचेंज ने कारोबार बंद करने में एक घंटे से ज्यादा का वक़्त क्यों लगाया? यह सारे सवाल अभी जवाब माँग रहे हैं। 

एक्सचेंज की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि उनका कामकाज प्रभावित न हो, इसलिए दो अलग-अलग टेलिकॉम कंपनियों की डाटा लाइन लगवाई गई हैं। लेकिन आज दोनों ही लाइनों में एक साथ गड़बड़ी की वजह से यह संकट पैदा हो गया। एक्सचेंज ने इन दोनों कंपनियों के नाम नहीं बताए हैं।

लेकिन अब इस बात की जाँच भी ज़रूरी है कि यह कौन सी कंपनियाँ हैं और ऐसी गड़बड़ी कैसे हुई। डिजिटल इंडिया के सपने को पंक्चर करनेवाली इस दुर्घटना की बेहद बारीकी से और गंभीरता से जाँच ज़रूरी है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
आलोक जोशी

अपनी राय बतायें

अर्थतंत्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें