loader

जम्मू-कश्मीर, लद्दाख को भारत के बाहर दिखाने वाले नक्शे को ट्विटर ने हटाया

जम्मू-कश्मीर, लद्दाख को भारत के बाहर दिखाने वाले ग़लत नक्शे को अब ट्विटर ने हटा लिया है। उसने ऐसा तब किया जब इस पर काफ़ी विवाद हुआ। एक यूज़र ने ट्विटर के इस ग़लत नक्शे की ओर ध्यान दिलाया था जिसके बाद सोशल मीडिया पर ट्विटर की जबरदस्त खिंचाई हुई।

केंद्र सरकार के साथ ट्विटर की अनबन तो पहले से ही चल रही है, ऐसे में ट्विटर इंडिया की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। 'एनडीटीवी' ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारत सरकार इस मुद्दे पर ट्विटर के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर सकती है। 

ताज़ा ख़बरें

यह विवादित नक्शा ट्विटर के 'ट्वीप लाइफ़' सेक्शन में था। ग़ौर करने वाली बात यह है कि इसमें लद्दाख, जम्मू-कश्मीर को भारत के बाहर तो दिखाया गया लेकिन इन इलाक़ों को पाकिस्तान या चीन में नहीं दिखाया गया था। हालाँकि भारत के बाहर दिखाना भी बेहद संवेदनशील मामला है।

एक यूज़र की नज़र इस ओर गई और उसने यह मुद्दा उठाया।

ट्विटर-सरकार अनबन 

बता दें कि इसके पहले केंद्र सरकार ने ट्विटर को नए डिजिटल नियमों के पालन को लेकर ‘अंतिम नोटिस’ भेजा है और कहा है कि अगर ट्विटर सरकार के नियमों को नहीं मानता है तो वह नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहे। 

केंद्र सरकार के नए नियमों के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को चीफ़ कम्प्लायेंस अफ़सर, नोडल कांटेक्ट अफ़सर और रेजिडेंट ग्रीवांस अफ़सर को नियुक्त करना होगा और हर महीने सरकार को रिपोर्ट देनी होगी। सरकार ने इन अफ़सरों को नियुक्त करने के लिए तीन महीने का वक़्त दिया था जो 25 मई को ख़त्म हो चुका है। 

इसके बाद संसद की स्थायी समिति ने ट्विटर इंडिया को चेतावनी देने के सुर में कहा है कि भारत के क़ानून सर्वोपरि हैं और उसे इन्हें मानना ही होगा।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अगुवाई में समिति ने ट्विटर इंडिया के आला अफ़सरों से लगभग 95 मिनट तक कई मुद्दों पर पूछताछ की, कई सवालों के जवाब माँगे और उनकी बातें सुनीं। हालांकि इसके बाद ट्वटिर इंडिया ने कहा कि वह नियम कानूनों का पालन करने की पूरी कोशिश कर रहा है। उसने एक नोडल अफ़सर भी नियुक्त कर दिया। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

जम्मू-कश्मीर से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें