गीतकार जावेद अख्तर द्वारा दायर मानहानि मामले में अदालत ने सोमवार को कंगना रनौत के ख़िलाफ़ जमानती वारंट जारी किया है। अदालत ने यह वारंट तब जारी किया जब सम्मन भेजे जाने के बावजूद कंगना पेश नहीं हो पाईं। अदालत ने क़रीब एक महीने पहले कंगना को समन भेजा था।
मशहूर गीतकार जावेद अख्तर की तरफ़ से आपराधिक अवमानना का केस दर्ज कराया गया है। इसी मामले में मुंबई के अँधेरी स्थित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत सुनवाई कर रही थी। समन जारी किए जाने के बाद क़ानून के तहत कंगना रनौत के पास दो रास्ते थे। वह या तो अदालत के आदेश को चुनौती देतीं या फिर कोर्ट के सामने पेश होकर आरोपों का खंडन करने की दलीलें देतीं।
जावेद अख़्तर ने कहा कि कंगना रनौत ने यह सब एक साज़िश के तहत किया है। ऐसा उसने अपनी प्रसिद्धि तथा अपने व्यावसायिक लाभ के उद्देश्य से किया है।
कंगना ने जावेद अख्तर के बारे में एक वेबसाइट को भी इंटरव्यू दिया था। उस इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, “एक बार जावेद अख्तर ने मुझे अपने घर पर बुलाया और कहा था कि 'राकेश रोशन और उसके परिवार वाले बहुत बड़े लोग हैं। अगर तुम उनसे माफ़ी नहीं मांगोगी तो तुम कहीं की नहीं रहोगी। वो तुम्हें जेल में डलवा देंगे और फिर तुम्हारी बर्बादी के सिवाय और कोई रास्ता नहीं बचेगा... तुम्हें आत्महत्या करनी पड़ेगी।' ये उनके शब्द थे। उन्हें ऐसा क्यों लगता है कि अगर मैं ऋतिक रोशन से माफ़ी नहीं माँगूंगी तो मुझे ख़ुदकुशी करनी पड़ेगी। वो मुझपर इस कदर चीखे और चिल्लाये थे कि मेरे पैर एक तरह से कांपने लगे थे।”
जावेद अख्तर ने कहा कि जानबूझकर कंगना रनौत ने उनका नाम एक संवेदनशील मामले में घसीटा तथा उन्हें ‘गिद्ध और सुसाइड गैंग का सदस्य तक कहा’। इससे लोगों के बीच उनकी छवि को ख़राब करने का काम किया गया है।
बता दें कि जावेद अख्तर की याचिका पर अदालत ने कंगना के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 व 500 के तहत मामला दर्ज करने के आदेश दिए थे।
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