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महाराष्ट्र: रेड, ऑरेंज, ग्रीन ज़ोन में बाँटकर कोरोना कैसे होगा काबू?

मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इज़ाफा हो रहा है और इस बीच राज्य सरकार ने इस बीमारी से लड़ने के लिए एक नया पैटर्न तैयार किया है। शनिवार को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा कर रहे थे उस समय मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस पैटर्न के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु उनसे साझा भी किये थे। महाराष्ट्र सरकार के इस नए पैटर्न के मुताबिक़ कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए राज्य को तीन भागों- रेड, ऑरेंज और ग्रीन ज़ोन नाम से बाँटा गया है। रेड ज़ोन में उन क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा जहाँ कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 15 से अधिक है। ऑरेंज ज़ोन में वे क्षेत्र आएँगे जहाँ मरीजों की संख्या 15 तक है तथा ग्रीन ज़ोन वे क्षेत्र रहेंगे जहाँ अब तक एक भी कोरोना का मामला नहीं आया है।

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प्रदेश में अब तक जितने भी कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं उनमें से 61% मुंबई में, 20% पुणे में, 10% मुंबई के आसपास के जनपदों में तथा शेष राज्य में 9% हैं। प्रदेश में कोरोना से मरने वाले मरीजों की संख्या 5.5 % है। राज्य सरकार की तरफ़ से अब तक 33 हज़ार से अधिक लोगों की कोरोना की जाँच की जा चुकी है जिनमें से 70% में कोई लक्षण नहीं दिखाई दिए हैं। 25% लोगों में बहुत ही साधारण से लक्षण दिखे जबकि 5% मरीजों की हालत गंभीर पायी गयी है। मरीजों की इसी श्रेणी के अनुसार चिकित्सालयों का भी वर्गीकरण किया गया है। 

राज्य सरकार ने प्रदेश का जो वर्गीकरण किया है उसके पीछे लॉकडाउन की नयी संकल्पना बतायी जा रही है, जिसकी आधिकारिक घोषणा शायद प्रधानमंत्री एक-दो दिन में करेंगे।

इस संकल्पना के तहत ग्रीन ज़ोन क्षेत्र में स्थित लॉकडाउन में थोड़ी शिथिलता देते हुए औद्योगिक कंपनियों, किसानों को कामकाज में छूट दिए जाने की योजना है। वर्गीकरण के अलावा कोरोना पर मात देने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में अगले कुछ दिनों के लिए पुल टेस्टिंग स्कीम शुरू की है। इसके तहत एक परिवार के एक ही व्यक्ति के नमूने की जाँच की जाएगी तथा रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर एक-एक कर हर सदस्य के नमूने की जाँच की जाएगी। ऐसा करने से जाँच प्रक्रिया पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा और अधिक से अधिक परिवारों या समूहों की जाँच जल्दी हो सकेगी। मुंबई और महाराष्ट्र में कुल 1761 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, इनमें शनिवार को धारावी क्षेत्र में 15 नए मामले सामने आने की वजह से सरकार ने वहाँ मास स्क्रीनिंग शुरू कर दी है। शनिवार को वहाँ 50 हज़ार लोगों की जाँच की गयी। सरकार इस क्षेत्र के हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग कर झोपड़पट्टी क्षेत्र में कोरोना को नियंत्रित करने की कवायद कर रही है। इस क्षेत्र में तैनात स्वास्थ्यकर्मियों को बचाव की दृष्टि से क्लोरोक्वीन की गोली खिलाई जा रही है। 

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यही नहीं, पैरामेडिकल कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए सरकार ने वेब पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन का प्रयोग शुरू किया है। सरकार ने सभी ज़िला मुख्यालयों पर टेली मेडिसिन के माध्यम से मरीजों को सलाह और उपचार का कार्य भी शुरू किया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि राज्य के पास पीपीई किट तथा जाँच किट की कमी नहीं है लेकिन केंद्र सरकार ने जो सामग्री उपलब्ध कराने की बात कही थी शीघ्र उपलब्ध करा दे। उधर टाटा समूह के ताज होटल में 6 लोगों के कोरोना संक्रमित पाए जाने से स्वास्थ्यकर्मियों की चिंता बढ़ गई है। इस होटल में स्वास्थ्यकर्मियों के लिए पिछले कुछ दिनों से निशुल्क सेवा उपलब्ध है।
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संजय राय

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