वर्षा राउत को पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर महाराष्ट्र की सियासत में तूफान खड़ा हो गया था। महा विकास अघाडी सरकार में शामिल तीनों दलों का कहना था कि इस तरह के समन भेजे जाने का मकसद विपक्षी नेताओं को निशाना बनाना है।
राउत के समर्थन में उतरी शिव सेना
शिव सेना अपने मुखर प्रवक्ता संजय राउत के समर्थन में खुलकर उतर आई है। शिव सेना की ओर से डोंबिवली में संजय राउत के समर्थन में पोस्टर लगाए गए हैं।
पोस्टर्स में ईडी को बीजेपी की कठपुतली बताया गया था। एक पोस्टर में सवाल उठाया गया था कि क्या ईडी ने बीजेपी दफ़्तर में अपना केबिन बना लिया है। शिव सेना नेताओं का कहना है कि केवल वे ही नहीं बल्कि आम लोग भी ऐसा सोचते हैं कि बीजेपी शिव सेना को निशाना बनाने के लिए ईडी का इस्तेमाल कर रही है।
देखिए, संजय राउत से खास बातचीत-
ठाकरे सरकार को ख़तरा?
महाराष्ट्र में बीजेपी और शिव सेना के बीच चल रही जोरदार सियासी जंग में वर्षा राउत को समन भेजे जाने के बाद संजय राउत बेहद आक्रामक अंदाज में नज़र आए थे। राउत ने कहा था कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार को अस्थिर करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
राउत ने कहा था कि बीजेपी नेताओं के पास कांग्रेस-एनसीपी के 22 विधायकों की लिस्ट है, जिन्हें केंद्रीय जांच एजेंसियों के दबाव में इस्तीफ़ा देने के लिए मजबूर किया जाएगा।
उन्होंने कहा था कि पिछले एक साल से बीजेपी के नेता उनसे संपर्क कर कह रहे हैं कि उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को गिराने की सारी तैयारी कर ली है।
राउत ने कहा था कि उनके पास बीजेपी के नेताओं की फ़ाइल है जिसमें 121 नेताओं के नाम हैं और वे जल्द ही इसे ईडी को देंगे।
शिव सेना सांसद ने कहा था, ‘मेरी पत्नी शिक्षिका है और 10 साल पहले उन्होंने अपने दोस्त से 50 लाख रुपये का कर्ज लिया था। हमने इस कर्ज को छुपाया नहीं है और राज्यसभा के एफ़िडेविट में दिखाया है।’ राउत ने पूछा कि इसमें बीजेपी और ईडी को क्या तकलीफ है।
राउत ने हमलावर अंदाज में कहा था, ‘बीजेपी में ऐसे बड़े सूरमा बैठे हैं, अगर मैं उनके परिवार तक पहुंचा तो उनको देश छोड़कर भागना पड़ेगा। नीरव मोदी और विजय माल्या के साथ बीजेपी की पूरी पलटन लंदन में खड़ी हो जाएगी।’ उन्होंने कहा था कि बीजेपी उनसे पंगा न ले।
ईडी ने अक्टूबर, 2019 में पीएमसी बैंक में हुए कथित लोन फर्जीवाड़े का मामले में हाउसिंग डेवलपमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) के प्रमोटर्स राकेश कुमार वधावन, उनके बेटे सारंग वधावन, पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह और पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर जॉय थॉमस के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया था।
इस मामले में ईडी ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की ओर से दर्ज एफ़आईआर का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की थी। एफ़आईआर में कहा गया था कि पीएमसी बैंक को 4,355 करोड़ का नुक़सान हुआ है।
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