मुंबई में बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण को देखते हुए सवाल उठने लगा है कि क्या इस महानगर में एक बार फिर लॉकडाउन लगाया जा सकता है। मेयर किशोरी पेडनेकर ने इस संभावना से इनकार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि यह शहर के लोगों पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा, "यह चिंता की बात है। ट्रेन में सफर करने वाले ज़्यादातर लोग मास्क नहीं लगाते हैं। लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए, वर्ना एक बार फिर लॉकडाउन लगाया जा सकता है।"
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि लॉकडाउन लोगों पर निर्भर करता है।
'स्थिति ख़तरनाक'
मंबई के मेयर के इस बयान के पहले ही महाराष्ट्र सरकार कह चुकी है कि स्थिति 'ख़तरनाक' है और उसे 'कड़े निर्णय' लेने पड़ सकते हैं। उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने कोरोना से जुड़ी सावधानियाँ नहीं बरती जाने पड़ निराशा जताई है।
उन्होंने कहा,
“
"कड़े कदम लेने पड़ सकते हैं, लोगों को इसके लिए तैयार रहना चाहिए। यदि समय रहते कुछ निर्णय नहीं लिए गए तो उसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।"
अजित पवार, उप-मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र
दूसरी लहर की चिंता
अजित पवार ने यह भी कहा कि दुनिया के कई जगहों पर महामारी की दूसरी लहर आई है।
मुंबई में सोमवार को कोरोना संक्रमण के 493 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही वहां कोरोना से प्रभावित लोगों की संख्या 3,34,569 हो गई। अब तक 11,420 लोग मारे जा चुके हैं।
इसके साथ ही संक्रमित लोगों की संख्या दूनी होने में लगने वाला समय भी कम हो गया है।
पास के ही ठाणे में 285 नए मामले आने के साथ ही कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 2,58,030 हो गई।
पूरे महाराष्ट्र राज्य में रविवार को कोरोना के 4,092 नए मामले सामने आए। इस पर राज्य सरकार ही नहीं, दूसरे लोग भी चिंता जता रहे हैं।
कोरोना ख़त्म?
इसके पहले जब कोरोना के मामले कम आने लगे तो यह सवाल पूछा जाने लगा था कि क्या कोरोना वाकई ख़त्म हो रहा है। यह सवाल पिछले सप्ताह उस समय पूछा जा रहा था जब देश के 707 ज़िलों में से 25 फ़ीसदी ज़िलों में कोरोना संक्रमण का एक भी मामला नहीं आया। लेकिन, 64 फ़ीसदी ज़िलों में हर रोज़ 20 से भी कम मामले आ रहे हैं। 3 फ़ीसदी यानी 21 ज़िलों में हर रोज़ 100 से ज़्यादा केस आ रहे हैं।
पिछले चार महीने में स्थिति काफ़ी ज़्यादा सुधारी है। सितंबर के मध्य में ही सिर्फ़ 9 फ़ीसदी ज़िले थे जहाँ कोई भी नया मामला नहीं आ रहा था जबकि 28 फ़ीसदी ज़िलों में हर रोज़ औसत रूप से कम से कम 100 नये मामले आ रहे थे। देश में हर रोज़ सबसे ज़्यादा जितने कोरोना संक्रमण के मामले आ रहे थे उसका अब 12 फ़ीसदी ही मामले आ रहे हैं। इसका मतलब साफ़ है कि संक्रमण का फैलना काफ़ी धीमा हो गया है। क्या इसका मतलब है कि संक्रमण ख़त्म होने को है?
उच्चतम शिखर पर नहीं!
देश में फ़िलहाल कोई भी ज़िला अपने पीक पर नहीं है। 31 जनवरी को पीक यानी शिखर का आधा भी सिर्फ़ 10 ज़िलों में था। इसमें से 9 ज़िले केरल में हैं। एक ज़िला छत्तीसगढ़ में है।
भारत में अभी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर नहीं आई है जबकि दुनिया भर के कई देशों में ऐसा देखा गया है। इसमें अमेरिका व ब्राज़ील के अलावा, इंग्लैंड, स्पेन, इटली, फ्रांस, रूस जैसे यूरोपीय देश भी शामिल हैं।
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