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कोरोना: महाराष्ट्र में सबसे ज़्यादा असर, बंद हो सकती हैं बस और ट्रेन सेवाएँ

कोरोना वायरस के कारण हाल के दशकों में महाराष्ट्र अब तक के सबसे बड़े स्वास्थ्य संकटों में से एक का सामना कर रहा है। देश में कोरोना वायरस से सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र ही है। राज्य के कम से कम छह शहरों में ऐसे मामले आ चुके हैं। महाराष्ट्र में अब तक 41 पॉजिटिव मामले आए हैं, जिसमें से 3 विदेशी नागरिक हैं। इसमें से एक व्यक्ति की मौत हो गई है। 39 की हालत स्थिर बतायी गई है और एक की हालत गंभीर है। यही कारण है कि ट्रेन और बस सेवाओं को बंद करने तक की बात कही जा रही है। यानी सख्ती इतनी कि लोगों की आवाजाही को नियंत्रित किया जाए। स्कूल, कॉलेज, शॉपिंग मॉल पहले ही बंद किए जा चुके हैं।

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राज्य में अब हालात कैसे हैं, इसका अंदाज़ा सरकार द्वारा उठाए जा रहे सख्त क़दमों से लगाया जा सकता है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चेताया है कि यदि लोगों ने ग़ैर-ज़रूरी यात्रा करनी बंद नहीं की तो सरकार ट्रेन और बस सेवाओं को बंद करने जैसे सख्त क़दम उठाने को मजबूर हो सकती है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे ग़ैर-ज़रूरी यात्रा नहीं करें और एक जगह पर इकट्ठे नहीं हों। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने भी कहा है कि क्योंकि शहर में भीड़ को नियंत्रित करना बेहद मुश्किल काम है इसलिए बसों और ट्रेनों पर पाबंदियाँ लगाई जाएँगी।

उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को रेलवे के अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी। बाद में सेंट्रल रेलवे ने घोषणा कर दी कि मुंबई से बाहर जाने वाली 23 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। कैबिनेट ने मुंबई में चिड़ियों की दुकानों को बंद करने का फ़ैसला लिया है।

राज्य का स्वास्थ्य मंत्रालय जल्द ही ऐसे फै़सले ले सकता है जिसमें सिर्फ़ ज़रूरी सामान वाले सुपरमार्केट और मेडिकल स्टोर ही खुले रहेंगे। हालाँकि सरकार ने साफ़ किया है कि सरकार इतने सख़्त क़दम इतनी जल्दी उठाने की इच्छुक नहीं है। लेकिन लोगों ने ग़ैर-ज़रूरी गतिविधियों को जारी रखना बंद नहीं किया तो सरकार को ऐसा शीघ्र करने पर विचार करना पड़ेगा। यदि तेज़ी से मामले बढ़ते हैं तो भी इस पर जल्द फ़ैसला लिया जा सकता है। 

महाराष्ट्र सरकार इस योजना पर भी काम कर रही है कि अपने 50 फ़ीसदी कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा जाए। मुंबई जैसे भीड़भाड़ वाले शहर में सरकार लोकल ट्रेनों को पूरी तरह बंद करने पर विचार कर रही है।

सात नयी लेबोरेट्री बनेंगी

स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने बुधवार को कहा है कि कोरोना वायरस की जाँच करने के लिए पूरे राज्य भर में सात और लैबोरेट्री बनाई जाएँगी। फ़िलहाल राज्य में सिर्फ़ तीन लैबोरेट्री- मुंबई, नागपुर और पुणे में ही हैं। 

इन शहरों तक फैला वायरस

मुंबई के अलावा, पुणे, नागपुर, यावतमाल, थाणे और अहमदनगर जैसे क्षेत्रों से कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामले आए हैं। मुंबई में कमोथे, वाशी, कल्याण जैसे शहर के बाहरी इलाक़े भी इससे प्रभावित हैं। 

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राज्य में बिगड़ते हालात के बीच अफवाह फैलने का भी ख़तरा है। इसीलिए महाराष्ट्र की साइबर पुलिस ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस के बारे में सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंगलवार को ही मुख्यमंत्री ठाकरे ने कुछ मीडिया रिपोर्टों में छुट्टी की ख़बरों पर कहा है कि सरकारी कार्यालयों में सात दिन की छुट्टी नहीं होगी।

ऐसी अफवाह फैलने का ख़तरा इसलिए है कि इस वायरस से पूरे देश ही नहीं दुनिया भर में खौफ का माहौल है। देश में ही कई राज्यों में पॉजिटिव मामलों की संख्या दो अंकों में पहुँच गई है। महाराष्ट्र के बाद सबसे ज़्यादा मामले केरल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक में आए हैं। केरल में 27, उत्तर प्रदेश में 16 और कर्नाटक में 11 पॉजिटिव केस हैं। देश भर में अब तक 147 मामले आ चुके हैं। इसमें 25 विदेशी हैं। देश में 3 लोगों की मौत हो चुकी है। पूरी दुनिया में क़रीब 2 लाख लोग वायरस से पीड़ित हो चुके हैं। इसमें से 8000 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालाँकि 82 हज़ार से ज़्यादा लोग ठीक भी हो चुके हैं। 

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ऐसे में महाराष्ट्र की स्थिति ख़तरे की घंटी की ओर इशारा करती है और सख्त क़दम उठाए जाने की ज़रूरत बताती है। लेकिन लगता है कि सरकार को आर्थिक स्थिति बिगड़ने का डर है। मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है और जब पाबंदी लगेगी तो यह अर्थव्यवस्था को बड़ा नुक़सान पहुँचाएगी। अब इस मामले में इटली, स्पेन जैसे यूरोपीय देशों से सबक़ लेना चाहिए। आर्थिक नुक़सान की आशंका में ही उन देशों ने पाबंदी लगाने में देरी की, लेकिन अब स्थिति यह है कि पाबंदी तो लगानी ही पड़ी, लेकिन हज़ारों लोगों में वायरस फ़ैलने और उनकी ज़िंदगी को ख़तरे में डालने के बाद।
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क़मर वहीद नक़वी

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