महाराष्ट्र में जब से शिवसेना ने अपने 30 साल के राजनीतिक साथी बीजेपी से अलग होकर नए विकल्पों की राह पकड़ी है, दोनों पार्टियों में ‘रार’ है कि थमने का नाम नहीं ले रही है।
महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच सरकार गठन को लेकर सहमति तो बन गई है लेकिन ऐन मौक़े पर पवार और सोनिया की मुलाक़ात के टलने से सवाल भी खड़े होते हैं।
बीजेपी महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए ज़रूरी विधायकों के आंकड़े से बहुत दूर है लेकिन उसके प्रदेश अध्यक्ष ने दावा किया है कि उनकी पार्टी सरकार बनाएगी, लेकिन कैसे?
शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने बृहस्पतिवार को कहा है कि बीजेपी उन्हें डराने या धमकाने की कोशिश न करे और शिवसेना को उसका ख़ुद का राजनीतिक रास्ता चुनने दे।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में चल रही राजनीतिक उठापटक पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने महाराष्ट्र में राज्यपाल के राष्ट्रपति शासन लगाने के फ़ैसले का बचाव किया है।
चुनाव नतीजे आने के बाद से ही राजनीतिक अस्थिरता का शिकार रहे महाराष्ट्र में सरकार कैसे बनेगी? क्योंकि राष्ट्रपति शासन के दौरान विधायकों की ख़रीद-फरोख़्त की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।