loader

शिवसेना का बीजेपी पर हमला, कहा - ख़ुद को भगवान न समझे कोई

महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान के बीच बीजेपी और शिवसेना के बीच जुबानी जंग रुकने का नाम नहीं ले रही है। चुनाव नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना बीजेपी पर हमलावर है लेकिन बीजेपी ने भी पलटवार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। बीजेपी-शिवसेना के बीच यह लड़ाई कभी कार्टून, कभी ट्विटर पर शेर-ओ-शायरी, कभी मुखपत्रों में संपादकीय तक चली है। मुख्यमंत्री के मुद्दे पर बीजेपी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से नाता तोड़ने वाली शिवसेना महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से बातचीत आगे बढ़ा चुकी है लेकिन बीजेपी के साथ उसकी जुबानी जंग ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है। 
ताज़ा ख़बरें

रविवार को बाला साहब ठाकरे की 7 वीं पुण्यतिथि के मौक़े पर भी दोनों दलों की ओर से सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करके एक-दूसरे पर हमला बोला गया था। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो के जवाब में शिवसेना ने उन्हें जवाब दिया था कि कोई उन्हें स्वाभिमान और समझदारी न सिखाए। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा था कि उद्धव ठाकरे ने बाला साहेब को जो वचन दिया था, वह जल्द पूरा होगा। 

अब एक फिर संजय राउत ने बीजेपी पर ताज़ा हमला बोला है। राउत ने कहा है कि ख़ुद को भगवान समझने की कोशिश किसी को नहीं करनी चाहिए। उन्होंने बीजेपी के नेताओं का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोगों को कभी-कभी लगता है कि वे ही भगवान हैं। राउत ने कहा कि देश में बड़े-बड़े बादशाह आए और चले गए लेकिन देश का लोकतंत्र कायम है। 

शिवसेना नेता ने कहा कि महाराष्ट्र में जो स्थिति पैदा करने की कोशिश की गई है कि वह अपने आप में अहंकार की बात है। उन्होंने कहा, 'जो बात शिवसेना के बारे में तय हुई थी लेकिन अगर आप पीछे हटते हो और अपने आप को भगवान समझते हो तो यह ठीक नहीं है।’
संजय राउत बीते कुछ दिनों से कई बार सोशल मीडिया पर शायरी लिखकर बीजेपी पर हमला बोल रहे हैं। सोमवार को भी उन्होंने एक ट्वीट किया जिसमें हबीब ज़ालिब का शेर लिखा था  - तुम से पहले वो जो इक शख़्स यहाँ तख़्त-नशीं था, उस को भी अपने ख़ुदा होने पे इतना ही यक़ीं था। 

महाराष्ट्र के चुनावी नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना ने बीजेपी के साथ मुख्यमंत्री की कुर्सी की लड़ाई लड़ी और उसे 50:50 के फ़ॉर्मूले के साथ सरकार बनाने के लिए कहा। शिवसेना का कहना था कि लोकसभा चुनाव के दौरान उसका बीजेपी के साथ समझौता हुआ था कि महाराष्ट्र की सत्ता में शिवसेना की समान भागीदारी होगी और ढाई साल के लिए उसे मुख्यमंत्री का पद मिलेगा। शिवसेना का कहना है कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आते ही बीजेपी अपने वादे से पीछे हट गई और इसलिए महाराष्ट्र में सरकार न बनने के लिए बीजेपी जिम्मेदार है। 

शिवसेना मुख्यमंत्री की कुर्सी के मुद्दे पर बीजेपी के साथ-साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से भी नाता तोड़ चुकी है और केंद्र सरकार में शामिल अपने मंत्री अरविंद सावंत का भी इस्तीफ़ा करवा चुकी है। हालाँकि बीजेपी ने शिवसेना के बिना कुछ निर्दलीय और छोटी पार्टियों के समर्थन से सरकार बनाने की कोशिश भी की लेकिन यह कोशिश अंतत: सफल नहीं हुई और फडणवीस को इस्तीफ़ा सौंपना पड़ा। 

महाराष्ट्र से और ख़बरें

‘एनडीए किसी की प्रॉपर्टी नहीं’

राउत ने इंडिया टुडे के साथ बातचीत में कहा कि एनडीए किसी एक दल की प्रॉपर्टी नहीं है। राउत का बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान के बाद आया जिसमें उन्होंने कहा था कि गठबंधन में शामिल दलों के अलग-अलग विचार होते हैं और किसी को छोटे-छोटे मतभेदों की वजह से उग्र नहीं होना चाहिए। राउत ने कहा कि एनडीए अब पेइंग गेस्ट बनकर रह गया है। राउत ने कहा कि बीजेपी एक राष्ट्रविरोधी पार्टी जम्मू-कश्मीर की पीडीपी को एनडीए में ले आई। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान प्रधानमंत्री मोदी के ख़िलाफ़ बोलते रहे हैं लेकिन वे भी आज एनडीए में हैं। राउत ने इससे पहले भी कहा था कि पहले के एनडीए और अब के एनडीए में बहुत अंतर आ चुका है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

महाराष्ट्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें