2014 में बीजेपी ने शोर-शराबे के बीच बहुमत सिद्ध करने की घोषणा करा ली थी। तो क्या शिवसेना इस बार बीजेपी की ऐसी ही किसी चाल से बचने की रणनीति तैयार कर रही है।
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर बीजेपी-शिवसेना के बीच घमासान जारी है। अब इस विवाद को सुलझाने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मुंबई आयेंगे। लेकिन सवाल यह है कि क्या वह इस विवाद को सुलझा पायेंगे।
मुख्यमंत्री की कुर्सी के मुद्दे पर बीजेपी और शिवसेना में से कोई भी झुकने के लिए तैयार नहीं है। दोनों दलों के नेताओं के बीच तीख़े शब्दबाण भी चल रहे हैं।
बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कह दिया है कि 50-50 फ़ॉर्मूले के तहत मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर कोई वादा नहीं किया गया है। इसे लेकर सवाल यह खड़े हो गये हैं कि आख़िर कौन झूठ बोल रहा है।
महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए बीजेपी और शिवसेना आमने-सामने हैं। दोनों ही दल झुकने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि राज्य में सरकार कैसे बनेगी?
हरियाणा में तो बीजेपी ने जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ समझौता कर अपनी सरकार बना ली लेकिन महाराष्ट्र में उसकी पुरानी सहयोगी शिवसेना झुकने के लिए तैयार नहीं है।
महाराष्ट्र में नए-नए चुने गए क़रीब 40 फ़ीसदी विधायकों पर गंभीर आपराधिक केस दर्ज हैं। इसमें उनके ख़िलाफ़ हत्या, हत्या के प्रयास, किडनैपिंग जैसे संगीन आरोप हैं।
महाराष्ट्र में शिवसेना मुख्यमंत्री पद के लिए अड़ गई है। राजनीतिक हालात यह हैं कि या तो बीजेपी मुख्यमंत्री पद के मसले पर शिवसेना के सामने झुकेगी या फिर शिवसेना अपने बल पर सरकार बनाने की कोशिश करेगी।
दो राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों और 17 राज्यों के उपचुनावों में मतदाता ने एक हद तक अपनी अरुचि दिखाई है। ग्रामीण और शहरी मतदाता की रुचि में विभाजन दिख रहा है और सत्तारुढ़ दल के लिए मौसम वैसा अनुकूल नहीं है जैसा मई में था।