देश भर में फैलाई जा रही धार्मिक नफ़रत के बीच मुंबई में भी एक ऐसा ही मामला आया है। एक व्यक्ति ने डेलिवरी लेने से कथित तौर पर इसलिए इनकार कर दिया क्योंकि डेलिवरी देने वाला व्यक्ति मुसलिम था। थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद उस व्यक्ति को गिरफ़्तार कर लिया गया। हालाँकि बाद में कोर्ट ने ज़मानत पर आरोपी को छोड़ दिया।
यह बड़ी अजीब बात है कि ऐसे में जब लॉकडाउन है और बाहर निकलने और ख़रीदारी करने में कोरोना वायरस के संक्रमण का ख़तरा है, फिर भी सामान घर पहुँचाने वाले लोगों के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है। वह भी उस व्यक्ति के साथ जो ख़ुद उन ख़तरों का सामना करते हुए उसके घर पर ही सारा सामान छोड़ने आया हो। यह उस दौर में हो रहा है जब देश भर में ऐसी ही सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा की ख़बरें आ रही हैं। कई जगहों पर मुसलिमों को सब्जी बेचने नहीं दिया जा रहा है। कई जगहों पर पिटाई करने की ख़बरें आई हैं। कम से कम दो हॉस्पिटलों में धर्म के आधार पर भेदभाव करने की ख़बरें भी आई थीं।
जब से निज़ामुद्दीन में तब्लीग़ी जमात के कार्यक्रम और उसमें शामिल बड़ी संख्या में लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है तब से सोशल मीडिया पर तो ऐसी नफ़रत की भाषा काफ़ी ज़्यादा बढ़ गई है। ऐसी ही धार्मिक नफ़रत और हिंसा को लेकर बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने बीजेपी पर निशाना साधा है।
ताज़ा मामला मुंबई के मीरा रोड क्षेत्र का है। पुलिस के अनुसार 51 वर्षीय घनश्याम चतुर्वेदी ने मंगलवार को ऑनलाइन ऑर्डर देकर सामान मंगाया था। बुधवार को डेलिवरी देने वाला सामान लेकर उनके घर के बाहर आया। डेलिवरी देने आया व्यक्ति मास्क और ग्लव्स पहने हुए था। रिपोर्ट के अनुसार डेलिवरी लेने के लिए घनश्याम और उनकी पत्नी दोनों आई थीं। पत्नी सब सामान चेक कर रही थीं, इसी बीच घनश्याम ने डेलिवरी वाले व्यक्ति से नाम पूछ लिया। इसके बाद ही दिक्कत शुरू हुई।
पुलिस के अनुसार, घनश्याम चतुर्वेदी ने जब पाया कि डेलिवरी देने वाला व्यक्ति अल्पसंख्यक समुदाय से है तो उन्होंने अपनी पत्नी को सारा सामान डेलिवरी देने वाले को वापस लौटा देने को कह दिया। 'हिंदुस्तान टाइम्स' के अनुसार, वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर संजय हज़ारे ने कहा, 'इस बीच इनके बीच हुए इस घटनाक्रम को डेलिवरी देने वाले व्यक्ति ने अपने मोबाइल फ़ोन में रिकॉर्ड कर लिया था।' अपने परिवार वालों की सलाह के बाद उसने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने चतुर्वेदी को जानबूझकर धार्मिक भावनाएँ आहत करने के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया।
पुलिस का कहना है कि आरोपी को थाणे सत्र न्यायालय में बुधवार को पेश किया गया जहाँ से कोर्ट ने 15000 रुपये की ज़मानत पर छोड़ दिया।
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