महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक और एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के बीच तलवारें खिंच गई हैं। नवाब मलिक विशेषकर इस मामले में फ्रंट फुट पर खेल रहे हैं और ऐसा लगता है कि उन्होंने समीर वानखेड़े सहित एनसीबी को बुरी तरह घेर लिया है। लेकिन समीर वानखेड़े और उनका परिवार भी मीडिया के सामने पूरी ताक़त के साथ अपना पक्ष रख रहा है।
बता दें कि नवाब मलिक ने बुधवार सुबह एक निकाहनामा ट्वीट किया था। मलिक ने लिखा था कि यह समीर दाऊद वानखेड़े और शबाना क़ुरैशी का निकाहनामा है और यह समीर की पहली शादी थी। मलिक ने वानखेड़े और शबाना क़ुरैशी का फ़ोटो भी ट्वीट किया था। मलिक के हमले के बाद वानखेड़े ने इस मामले में अपना पक्ष सामने रखा है।
वानखेड़े का कहना है कि उनका धर्म हिंदू है और वह दलित परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वानखेड़े ने पत्रकारों से कहा, “मैं आज भी हिंदू हूं। मैंने कभी भी किसी तरह का धर्म परिवर्तन नहीं कराया है। भारत एक सेक्युलर मुल्क़ है और मुझे इस बात पर गर्व है।”
वानखेड़े ने कहा, “मेरे पिता हिंदू हैं और मां मुसलिम थीं। मेरी मां चाहती थीं कि मेरी शादी मुसलिम रीति-रिवाज से हो। लेकिन उसी महीने मेरी शादी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत रजिस्टर्ड हो गयी।” उन्होंने कहा कि जब दो अलग-अलग मज़हब के लोग शादी करते हैं तो इस एक़्ट के तहत ही शादी रजिस्टर्ड होती है। मेरे पिता स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत हुई शादी का सर्टिफ़िकेट दिखा देंगे।
वानखेड़े ने कहा कि बाद में उन्होंने क़ानूनी ढंग से तलाक़ ले लिया। एनसीबी के अफ़सर ने कहा कि अगर उन्होंने किसी दूसरे धर्म को अपनाया है तो मलिक को इसका सर्टिफिकेट दिखाना चाहिए।
लेकिन मलिक अपने आरोपों पर पूरी तरह क़ायम हैं और उन्होंने कहा है कि अगर उनकी बात ग़लत साबित हुई तो वह राजनीति छोड़ देंगे।
जन्म प्रमाण पत्र किया जारी
मलिक ने यह भी कहा था कि वानखेड़े ने फर्जी दस्तावेज़ बनाकर नौकरी हासिल की थी। नवाब मलिक ने सोमवार को एक जन्म प्रमाण पत्र ट्विटर पर पोस्ट कर दावा किया था कि यह समीर वानखेड़े का है। इसके बाद वानखेड़े ने कहा था कि मलिक उनकी मां और उनके धर्म को बीच में घसीट रहे हैं।
नवाब मलिक का कहना है कि कुछ लोगों ने इस जन्म प्रमाण पत्र को फर्जी बताया है, उन्होंने कहा है कि ऐसे लोग बताएं कि असली जन्म प्रमाण पत्र कहां है।
काज़ी ने उलझाया मामला
बुधवार को ही एक काज़ी साहब को टीवी चैनलों ने खोज निकाला है। चैनलों का दावा है कि इन्होंने समीर वानखेड़े का निकाह कराया था। काज़ी का नाम मुजम्मिल अहमद है। उन्होंने ‘आज तक’ के साथ बातचीत में कहा कि यह निकाहनामा पूरी तरह सही है और उस वक़्त समीर वानखेड़े, शबाना, समीर के माता-पिता और पूरा खानदान मुसलमान था।
काज़ी ने कहा कि अगर ये पता होता कि समीर हिंदू हैं तो हमारी शरीयत में निकाह ही नहीं होता और काज़ी शरीयत के ख़िलाफ़ निकाह नहीं पढ़ाता। काज़ी ने जोर देकर कहा कि आज वे जो कुछ भी कहें लेकिन उस वक़्त में समीर वानखेड़े और शबाना मुसलमान थे।
कुल मिलाकर यह मामला अब बेहद उलझता जा रहा है और समीर वानखेड़े बुरी तरह फंसते नज़र आ रहे हैं। करोड़ों रुपये की घूस मांगने के गंभीर आरोप लगने के बाद एनसीबी ने उनके ख़िलाफ़ जांच भी शुरू कर दी है।
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