आर्यन ख़ान क्रूज़ ड्रग्स मामले के सामने आने के बाद से ही एनसीबी के अफ़सर समीर वानखेड़े के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलने वाले महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने एक और धमाका किया है। मलिक ने रविवार रात को ट्विटर पर एक तसवीर पोस्ट की है। मलिक ने इस तसवीर के जरिये यह कहने की कोशिश है कि यह समीर वानखेड़े की है। उन्होंने फ़ोटो के कैप्शन में लिखा है- “कबूल है, कबूल है, कबूल है...यह क्या किया तूने Sameer Dawood Wankhede?”
एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के धर्म को लेकर लगातार विवाद हो रहा है। मलिक ने कुछ दिन पहले वानखेड़े का स्कूल में दाख़िला लेने और इसे छोड़ने का सर्टिफ़िकेट जारी किया था। सर्टिफ़िकेट में वानखेड़े के धर्म के आगे मुसलिम लिखा गया है। इससे पहले वानखेड़े के जन्म प्रमाण पत्र को लेकर भी खासा विवाद हुआ था।
मलिक लगातार इस बात का दावा कर रहे हैं कि समीर वानखेड़े मुसलिम हैं। मलिक का कहना है कि मुसलिम होने के बावजूद वानखेड़े ने फर्जीवाड़ा कर दलित कोटे से सरकारी नौकरी हासिल की। हालांकि समीर वानखेड़े और उनके परिवार ने मलिक के दावों और आरोपों को पूरी तरह ग़लत बताया है।
शनिवार को नवाब मलिक की बेटी निलोफ़र मलिक ख़ान ने ट्विटर पर एक शादी का रिसेप्शन कार्ड और मैरिज सर्टिफ़िकेट पोस्ट किया था। उन्होंने दावा किया था कि यह समीर वानखेड़े की शबाना क़ुरैशी से हुई पहली शादी का रिसेप्शन कार्ड और मैरिज सर्टिफ़िकेट है।
नवाब मलिक ने इस संबंध में कुछ दस्तावेज़ बॉम्बे हाई कोर्ट के सामने रखे हैं। मलिक का दावा है कि ये दस्तावेज़ पूरी तरह सही हैं। दूसरी ओर, समीर वानखेड़े के पिता ने नवाब मलिक पर 1.25 करोड़ का मानहानि का मुक़दमा किया है और कहा है कि मलिक ने उनके और उनके परिवार के ख़िलाफ़ झूठे आरोप लगाए हैं। इस मामले में हाई कोर्ट का फ़ैसला जल्द आ सकता है।
नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े का स्कूल में दाख़िला लेने और इसे छोड़ने का जो सर्टिफ़िकेट जारी किया था, उसके मुताबिक़ एनसीबी अफ़सर का मज़हब इसलाम है जबकि स्कूल का नाम सेंट पॉल्स हाई स्कूल है और यह बॉम्बे के दादर में है। इसमें एनसीबी अफ़सर का नाम समीर दाऊद वानखेड़े लिखा गया है। स्कूल में दाख़िला लेने की तारीख़ 13 जून, 1985 लिखी गई है जबकि छोड़ने की तारीख़ 19 जून, 1986 है।
जारी किया था निकाहनामा
नवाब मलिक ने कुछ दिन पहले एक निकाहनामा ट्वीट किया था और कहा था कि यह समीर दाऊद वानखेड़े और शबाना क़ुरैशी का निकाहनामा है और यह एनसीबी अफ़सर की पहली शादी थी।
काज़ी का दावा
इसके बाद काज़ी मुजम्मिल अहमद सामने आए थे। उन्होंने ‘आज तक’ के साथ बातचीत में कहा था कि यह निकाहनामा पूरी तरह सही है और निकाह के वक़्त समीर वानखेड़े, शबाना, समीर के माता-पिता और पूरा खानदान मुसलमान था। उन्होंने कहा था कि लोखंडवाला में 2006 में यह शादी बहुत धूमधाम से हुई थी।
शबाना क़ुरैशी के पिता डॉ. ज़ाहिद क़ुरैशी ने भी कहा था कि समीर का पूरा परिवार इसलामिक नियमों को मानता था और शादी इसलामिक रीति-रिवाज़ से सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में हुई थी।
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