मुंबई क्रूज़ ड्रग्स मामले की जांच कर रहे एनसीबी के अफ़सर समीर वानखेड़े की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक लगातार वानखेड़े से जुड़ी कई बातों को ट्विटर के जरिये लोगों के सामने रख रहे हैं और इसके बाद मीडिया से लेकर राजनीतिक जगत में तमाम तरह की चर्चाएं इन बातों को लेकर हो रही हैं।
नवाब मलिक के अलावा मीडिया चैनल भी वानखेड़े से जुड़ी तमाम जानकारियों को लोगों के सामने रख रहे हैं। न्यूज़ चैनल ‘आज तक’ ने गुरूवार को शबाना क़ुरैशी के पिता डॉ. ज़ाहिद क़ुरैशी से बात की है।
बता दें कि नवाब मलिक ने बुधवार सुबह एक निकाहनामा ट्वीट किया था। मलिक ने लिखा था कि यह समीर दाऊद वानखेड़े और शबाना क़ुरैशी का निकाहनामा है और यह समीर की पहली शादी थी। मलिक ने वानखेड़े और शबाना क़ुरैशी का फ़ोटो भी ट्वीट किया था।
समीर की मां ने रखा था प्रस्ताव
‘आज तक’ के साथ बातचीत में शबाना क़ुरैशी के पिता ने कहा है कि समीर वानखेड़े की मां ने समीर की शबाना से शादी का प्रस्ताव हमारे सामने रखा था। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव रखे जाने के 3-4 साल बाद यह शादी हुई। इस दौरान हमने देखा कि समीर के पूरे परिवार का माहौल मुसलिम परिवारों जैसा था।
डॉ. ज़ाहिद ने कहा कि इंगेजमेंट के 10 महीने बाद यह शादी हुई और अगर समीर का परिवार मुसलिम नहीं होता तो वे अपनी बेटी की शादी समीर से नहीं करते। उन्होंने कहा कि पूरी शादी इसलामिक रीति-रिवाज़ से लोगों की मौजूदगी में हुई थी।
'समीर के पिता का नाम दाऊद था'
डॉ. ज़ाहिद ने ‘आज तक’ से कहा कि समीर का पूरा परिवार इसलामिक नियमों को मानता था और समीर की मां के इंतकाल से पहले उनके परिवार में दीनी (धार्मिक) माहौल था। उन्होंने कहा कि वह समीर के पिता को दाऊद नाम से जानते थे। डॉ. ज़ाहिद के मुताबिक़, समीर के पिता के दोस्त भी उन्हें दाऊद नाम से ही जानते थे। निकाहनामे में भी उनका नाम दाऊद ही था। उन्होंने कहा कि समीर वानखेड़े नमाज़ पढ़ते थे और रोज़े रखते थे।
काज़ी का दावा
बुधवार को ही एक काज़ी साहब को टीवी चैनलों ने खोज निकाला था। चैनलों का दावा है कि इन्होंने समीर वानखेड़े का निकाह कराया था। काज़ी का नाम मुजम्मिल अहमद है। उन्होंने ‘आज तक’ के साथ बातचीत में कहा था कि यह निकाहनामा पूरी तरह सही है और उस वक़्त समीर वानखेड़े, शबाना, समीर के माता-पिता और पूरा खानदान मुसलमान था।
काज़ी ने कहा कि अगर ये पता होता कि समीर हिंदू हैं तो हमारी शरीयत में निकाह ही नहीं होता और काज़ी शरीयत के ख़िलाफ़ निकाह नहीं पढ़ाता। काज़ी ने जोर देकर कहा कि आज वे जो कुछ भी कहें लेकिन उस वक़्त में समीर वानखेड़े और शबाना मुसलमान थे।
वानखेड़े का बयान
इस मामले में वानखेड़े का कहना है कि उनका धर्म हिंदू है और वह दलित परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वानखेड़े ने पत्रकारों से कहा, “मैं आज भी हिंदू हूं। मैंने कभी भी किसी तरह का धर्म परिवर्तन नहीं कराया है।”
वानखेड़े ने कहा, “मेरे पिता हिंदू हैं और मां मुसलिम थीं। मेरी मां चाहती थीं कि मेरी शादी मुसलिम रीति-रिवाज से हो। लेकिन उसी महीने मेरी शादी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत रजिस्टर्ड हो गयी।” उन्होंने कहा कि जब दो अलग-अलग मज़हब के लोग शादी करते हैं तो इस एक़्ट के तहत ही शादी रजिस्टर्ड होती है। वानखेड़े ने कहा था कि बाद में उन्होंने क़ानूनी ढंग से तलाक़ ले लिया।
बुरे फंस गए वानखेड़े
इन सब बातों के बाद से ही समीर वानखेड़े के धर्म को लेकर असमंजस वाले हालात बन गए हैं। उनका परिवार हिंदू था या मुसलिम, इसे लेकर कई तरह की बातें सामने आ चुकी हैं। यह मामला अब बेहद उलझता जा रहा है और समीर वानखेड़े बुरी तरह फंसते नज़र आ रहे हैं। करोड़ों रुपये की घूस मांगने के गंभीर आरोप लगने के बाद एनसीबी भी उनके ख़िलाफ़ जांच कर रही है।
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